गुमला: जिले के चैनपुर प्रखंड के आरसी मध्य विद्यालय मालम (Gumla RC Middle School Case) नवाटोली से बच्चों से मजदूरी कराने की तस्वीर सामने आई है। इसके बाद से विद्यालय से लेकर शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
चर्चाएं हो रही है कि सरकार करोड़ों रुपये शिक्षा व्यवस्था (Education System) पर खर्च कर रही है, लेकिन पढ़ाई की जगह विद्यालय में बच्चों से मजदूरों की तरह काम कराया जा रहा है।
कहा जा रहा है कि जहां किताब-कॉपी, पेन हाथ में होने चाहिए, वहां पर बच्चों को कुदाल, फावड़ा और टोकरी थमा दी जा रही है। इससे अभिभावक भी नाराज हैं।
पेशेवर मजदूरों की जिस तरह से बच्चों से काम लिया जा रहा है, उससे अब हर कोई नाराज है।
अभिभावक बोले- बच्चों को भेजते हैं पढ़ने के लिए, लिया जा रहा काम
छात्र-छात्राओं के माता-पिता का कहना है कि वे अपने बच्चों को स्कूल (School) पढ़ने के लिए भेजते हैं, ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो सके, जबकि स्कूल में उनसे मजदूरी कराई जा रही है।
कलम थामने की उम्र में बच्चों के हाथों में स्कूल प्रबंधक ने कुदाल थमा दी है। मजदूरी नहीं देनी पड़े, इसके लिए विद्यालय के शिक्षकों ने इन बच्चों को पढ़ाई कराने के बजाय ईंट, बालू तथा मिट्टी ढोने के काम पर लगा दिया है।
उन्होंने कहा कि बच्चे पढ़ लिखकर काबिल बनें, इसके लिए हम कठोर परिश्रम करते हैं और बच्चों को स्कूल भेजते हैं। हमारे बच्चे स्कूल जाकर शिक्षा पाने की जगह मजदूरी का काम कर रहे हैं। यह काफी दुर्भाग्य की बात है।
बच्चों ने किया ये खुलासा
बच्चों ने बताया कि सिस्टर ग्लोरिया के कहने पर हम यहां मजदूरी का काम कर रहे हैं। बच्चों ने बताया कि सुबह विद्यालय आने के कुछ देर बाद से ही हमें मजदूरी का काम कराया जा रहा है।
आए दिन शिक्षकों के द्वारा हमसे इस तरह का काम कराया जाता है। वहीं, जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक फादर रोबिन कुजूर से मिलने की कोशिश की गई तो पता चला कि वे मीटिंग में गए हैं।
फोन के माध्यम से उन्हें सूचना हुई जिसके बाद वह विद्यालय पहुंचे। हालांकि प्रधानाध्यापक ने भी मीडिया कर्मियों (Media Personnel) के सवाल पर कोई ठोस जवाब नहीं दिए। उन्होंने कैमरे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
बीईओ ने काट दिया फोन, अभिभावकों में रोष
विद्यालय के सहायक शिक्षक सुबोध लकड़ा ने कहा कि बच्चों से टिफिन (Tiffin) के टाइम में काम कराया जाता है।
वहीं, चैनपुर बीईओ अलमा सलोमी जोजो (Beo Alma Salome Jojo) से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने मीटिंग में हैं बाद में बात करते हैं, कहते हुए फोन काट दिया। स्कूल प्रबंधन के इस कृत्य से अभिभावक काफी आक्रोशित हैं।