रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के न्यायमूर्ति आनंद सेन (Anand Sen) की कोर्ट में सोमवार को सेवानिवृत्त असिस्टेंट कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (ACF) उमाकांत राम की ओर से सेवानिवृत्त बेनिफिट (Retirement Benefits) दिलाने का आग्रह करने वाली याचिका (Petition) की सुनवाई हुई।
पिछली बार अंतिम मौका दिए जाने के बाद भी प्रतिवादी वन सचिव, प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (PCCF), रीजनल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (बोकारो) की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया।
जवाब दाखिल न करने पर नाराज कोर्ट ने राज्य सरकार पर लगाया जुर्माना
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता ने आज फिर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा गया।
इस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी (Displeasure) जताते हुए कहा कि पिछली बार ही सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम मौका दिया गया था।
नाराज कोर्ट (Angry court) ने राज्य सरकार पर 5000 रुपये का जुर्माना (Fine) लगाया है।
कोर्ट ने कहा है कि जुर्माने की राशि जमा करने के साथ सरकार जवाब (Reply) दाखिल कर सकती है।
अदालत ने जुर्माना की यह राशि झारखंड लीगल सर्विस अथॉरिटी (JLSA) में जमा करने का निर्देश दिया है।
उमाकांत राम फरवरी 2022 में सेवानिवृत्त (Retired) हुए थे, लेकिन उन्हें रिटायरमेंट बेनिफिट अभी तक नहीं मिल पाया है।