साहिबगंज: साहिबगंज (Sahibganj) के बोरियो में रूबिका पहाड़िन हत्याकांड (Rubika Pahadin Murder Case) में फारेंसिक साक्ष्य (Forensic Evidence) जुटाने का कार्य तेजी से चल रहा है।
इस हत्याकांड में रूबिका (Rubika) के पति दिलदार अंसारी के अलावा और कौन-कौन शामिल हैं, उसकी जांच भी जारी है।
इसी क्रम में पुलिस (Police) ने उस तेज धारदार हथियार को बरामद करने का दावा किया है, जिससे रूबिका की हत्या के बाद उसका शव दो दर्जन से अधिक टुकड़ों में काटा गया था।
अब पुलिस उस हथियारपर मिले फिंगर प्रिंट (Finger Print) का भी मिलान करेगी, उससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि हत्या किसने की।
रबिका के सिर के कर दिए गए हैं कई टुकड़े
रूबिका के सिर के कई टुकड़े कर दिए जाने से पुलिस (Police) के लिए सारे हिस्सों को बरामद करना मुश्किल है। हत्या के बाद धारदार हथियार से उसके सिर के हिस्से के चार-पांच टुकड़े (Pieces) कर दिए गए थे।
पुलिस ने जबरा, दांत के हिस्से को बरामद कर लिया है। रूबिका पहाड़िन की हत्या के बाद उसके शव के टुकड़े करने में इस्तेमाल हुआ असली हथियार का सुराग अबतक पुलिस को नहीं चल पाया है।
पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि रबिका की गला दबाकर हत्या के बाद चौपर यानी खास किस्म के बड़े आकार वाले छुरे से उसके शव के छोटे-छोटे टुकड़े किए गए थे।
पुलिस ने अबतक इस प्रकार के दो छोटे आकार वाले छुरे को आरोपी के घर से जब्त किया है। पुलिस का मानना है कि इस आकार के हथियार से किसी इंसान के शव के टुकड़े करने में दिक्कत आएगी। संभव है कि किसी बड़े हथियार का इस्तेमाल इस काम के लिए हुआ होगा।
हत्याकांड के अनुसंधान पर पुलिस मुख्यालय की नजर
हत्याकांड के अनुसंधान पर पुलिस मुख्यालय की नजर है। CID के DIG डा. एम. तमिल वाणन साहिबगंज पुलिस को अनुसंधान में सहयोग व दिशानिर्देश दे रहे हैं।
इस मामले में अनुसंधान शीघ्र पूरा होगा और साहिबगंज पुलिस जल्द गिरफ्तार आरोपितों पर चार्जशीट (Charge Sheet) कर फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast Track Court) से सजा दिलाने का प्रयास करेगी।
पुलिस का फोकस ठोस साक्ष्य जुटाने पर है ताकि आरोपितों को कठोर सजा दिलाई जा सके।
इस कारण DNA मैच कराना जरूरी
पुलिस ने रूबिका पहाड़िन के शव के टुकड़ों को जब्त किया है, जिनकी फोरेंसिक जांच होगी। बरामद शव के टुकड़ों की रूबिका के माता-पिता के साथ DNA मैच कराया जाएगा।
यह इसलिए किया जाएगा, क्योंकि अब तक रूबिका का सिर नहीं मिला है। चेहरा पता नहीं होने से यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि बरामद शव रूबिका का ही है या किसी और का। इस कारण डीएनए मैच कराना जरूरी है।