धनबाद: झारखंड सरकार के महत्वाकांक्षी योजनाओं (Ambitious Plans) में से एक वीर शहीद पोटो योजना के तहत पूरे झारखंड में 3329 खेल मैदान की निर्माण किया जा रहा है।
झारखंड सरकार (Jharkhand Government ) की इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य पंचायत के बेरोजगारों को रोजगार सृजन करना, साथ ही पंचायत में खेल मैदान की सुविधा देना है।
लेकिन सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना को सरकारी अधिकारी कुछ दलालों के सांठगांठ से पैसों का बंदरबांट कर सरकार के आंखों में धूल झोंकने का कार्य कर रही है।
सिर्फ घास छीलकर करा लिया 1।10 लाख का भुगतान
हम बात कर रहे हैं धनबाद जिला के निरसा विद्यानसभा (Nirsa Assembly) अंतर्गत एग्यारकुंड प्रखंड अधीनस्थ चांच पंचायत की।
जहां बरसों पुराने खेल मैदान को समतल करने के लिए 1 लाख 57 हजार 73 रूपये राशि का आवंटन करा लिया गया है। वर्षों पुराना खेल मैदान होने के कारण सिर्फ घास छीलकर एक लाख 10 हजार भुगतान कर लिया गया है।
लेकिन जब अधिकारियों की पेट इससे भी नहीं भरा तब बांकी बचे पैसों की बंदरबांट के लिए JCB Machine का प्रयोग करा लिया।
अब सवाल यह उठता है कि मनरेगा के तहत काम करने वाले गरीब मजदूरों की हक छीनने वाले अधिकारियों पर क्या कानूनी कार्रवाई होगी या फिर ठंडे बस्ते में मामले को भर दिया जाएगा।
जांच के बाद होगी कार्रवाई- बीडीओ
वही इस पूरे मामले पर एग्यारकुंड प्रखंड विकास पदाधिकारी विनोद कर्मकार ने बताया कि मनरेगा के तहत JCB का उपयोग नहीं करना है।
पूरे मामले की जांच की जाएगी और जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह है कि BDO साहब बयान देने के बाद कार्रवाई करते हैं या सिर्फ बयान देकर ही शांत रह जाते हैं।