रांची: एदलहातु निवासी 8 वर्षीय मासूम शौर्य की अपहरण (Kidnapping of Shaurya) के बाद हत्या (Murder) के मामले में रांची SSP ने बताया कि आरोपी संजू पर काफी कर्ज था।
संजू बेंगलुरु (Bangalore) में नौकरी करता था। लेकिन कोरोनाकाल (Corona Period) में उसकी नौकरी छूट गई। वहां से वह रांची आ गया और पुंदाग में रहने लगा।
उसने शादी, हनीमून और गाड़ी खरीदने के लिए दोस्तों व बैंक (Bank) से कर्ज लिया था। बाद में लोग पैसे मांगने लगे।
इस कर्ज को चुकाने के लिए उसने शौर्य के अपहरण की साजिश रची और करीब 15-20 लाख रुपए फिरौती लेने की फिराक में था।
अपहरण कांड को अंजाम देने के लिए कार का नंबर प्लेट बदला
अपहरण कांड को अंजाम देने के लिए संजू को कार का नंबर प्लेट (Number Plate) भी बदलना था, ताकि वह पुलिस को गुमराह कर सके। इसमें संजू सफल हुआ।
उसने OLX पर एक पुराने कार का Number Plate देखा और उसी नंबर प्लेट का अपहरण में इस्तेमाल किए गए कार में लगा दिया।
नकली नंबर बिहार के पटना का था। जैसे ही नंबर की जानकारी पुलिस को मिली, पुलिस (Police) की दो टीम पटना में छापेमारी (Raid) करने चली गई थी।
पटना (Patna) पहुंचने के बाद संजू की इस चालाकी की सूचना पुलिस को हासिल हुई।
कई ऐसे साक्ष्य, जो सजा दिलाने के लिए है काफी
अपहरण की साजिश को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए सबसे पहले संजू ने अपनी बाइक को गिरवी रखकर कार भाड़े पर लिया। 17 सौ रुपये उसे हर दिन कार का किराया देना था।
SSP ने बताया कि शौर्य हत्याकांड को स्पीडी ट्रायल (Speedy Trial) में ले जाया जाएगा, ताकि आरोपी को जल्द और कड़ी सजा मिल सके। संजीव द्वारा कई ऐसे साक्ष्य छोड़े हैं, जो उसे सजा दिलाने के लिए काफी है।