रांची: 14 मार्च को झारखंड की राजधानी रांची (Ranchi) में पहला मंगलवारी जुलूस (Tuesday Procession) निकलेगा। जानकारी के अनुसार, श्री महावीर मंडल केंद्रीय कमेटी एवं डोरंडा (Doranda) श्री महावीर मंडल से जुड़े अखाड़ाधारी रात 8 बजे से जुलूस निकालेंगे।
शहर के विभिन्न इलाकों से अखाड़ाधारी गाजे-बाजे के साथ महावीरी पताका लेकर महावीर चौक (Mahavir Chowk) में हनुमान मंदिर (Hanuman Temple) पहुंचेंगे। यहां पताका की पूजा करके अस्त्र चालन का प्रदर्शन होगा।
रात में महावीरी पताका की होगी पूजा
हनुमान मंदिरों एवं अखाड़ा में पहली मंगलवारी पर रात में महावीरी पताका (Mahaviri Pataka) की पूजा होगी। इसके बाद पताका को स्थापित किया जाएगा।
बता देगी रांची में रामनवमी (Ram Navami) की शुरुआत साल 1929 में हुई थी। उस समय से ही मंगलवारी जुलूस पर गली-मुहल्लों से जुलूस निकालने की परंपरा चली आ रही है।
डोरंडा श्री महावीर मंडल की ओर से भी पहली मंगलवारी पर अखाड़ाधारियों का स्वागत किया जाएगा। मंडल के अध्यक्ष संजय पोद्दार और मंत्री पप्पू वर्मा ने बताया कि कार्यक्रम की तैयारी पूरी कर ली गई है।
बाहर से मंगाए जा रहे हैं बांस
मंगलवारी पर मंदिरों और अखाड़ा में महावीरी पताका लगाने का दौर भी शुरू होगा। महावीरी पताका लगाने के लिए गंठीले बांस (Knotty Bamboo) दूसरे प्रदेशों से मंगाए जाते हैं।
बांस के चयन में इस बात का ख्याल रखा जाता है कि भार पड़ने के बाद या फिर तेज हवा में वह लचक नहीं जाए।
पताका लगाने के लिए पश्चिम बंगाल (West Bengal) के खड़गपुर, दालखोला, आसाम के कुछ इलाकों और झारखंड के सीमावर्ती इलाके बहरागोड़ा से उम्दा प्रजाति के बांस मंगाए जाते हैं। शहर के आसपास के कुछ इलाकों से भी गंठीले बांस लाए जाते हैं।