प्रयागराज/नई दिल्ली: इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के परिसर में बनी मस्जिद (Masjid) को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 3 माह का वक्त दिया है।
Supreme Court ने इलाहाबाद हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के उस फैसले को बरकरार रखते हुए यह आदेश दिया है, जिसमें उसने अपने परिसर से मस्जिद हटाने को कहा था।
अदालत ने वक्फ मस्जिद हाई कोर्ट और UP सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि आपको मस्जिद (Masjid) हटाने के लिए तीन महीने का वक्त दिया जाता है।
जस्टिस MR शाह और जस्टिस CT रविकुमार की बेंच ने कहा कि यदि आज से तीन महीने के अंदर आप मस्जिद को नहीं हटाते हैं तो फिर Authorities को यह छूट होगी कि वह उसे गिरा दें।
मस्जिद के लिए वैकल्पिक भूमि उपलब्ध कराने की मांग
इसके अलावा Bench ने याचिकाकर्ताओं को यह अनुमति भी दी कि वे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार को ज्ञापन देकर मस्जिद के लिए वैकल्पिक भूमि (Alternate Land) उपलब्ध कराने की मांग करें।
बेंच ने कहा कि राज्य सरकार (State Government) नियम के मुताबिक आपकी मांग पर विचार कर सकती है। बेंच ने कहा कि हाई कोर्ट परिसर में स्थित मस्जिद सरकार की Lease वाली जमीन पर स्थित थी।
उसकी लीज 2022 में ही Cancel हो गई थी। इसके बाद 2004 में यह जमीन हाई कोर्ट को दे दी गई थी ताकि वह अपने परिसर का विस्तार कर सके।
मस्जिद का कोई कानूनी अधिकार नहीं
शीर्ष अदालत ने कहा कि High Court 2012 में अपनी जमीन वापस मांगी थी। इस पर मस्जिद का कोई कानूनी अधिकार (Legal Rights) नहीं है। ऐसे में हम हाई कोर्ट के फैसले पर कोई दखल नहीं दे सकते।
बता दें कि अभिषेक शुक्ला (Abhishek Shukla) नाम के Advocate की अर्जी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने मस्जिद हटाए जाने का आदेश दिया था।
वहीं मस्जिद के पक्ष में बोलते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की इमारत 1861 में तैयार हुई थी। उसके बाद से ही मुस्लिम वकील (Muslim Lawyer), क्लर्क और क्लाइंट उत्तरी कोने पर शुक्रवार को नमाज पढ़ा करते थे। लेकिन इस जगह पर बाद में जजों के चेंबर बन गए।
मुस्लिम वकीलों की मांग पर नमाज के लिए दी जाएगी दक्षिणी छोर पर जगह
हालांकि मुस्लिम वकीलों (Muslim Lawyers) की मांग पर हाई कोर्ट ने दक्षिणी छोर पर एक जगह Namaj के लिए दे दी।
यहीं पर बाद में Masjid बन गई, लेकिन इस जमीन की लीज खत्म किए जाने के बाद Masjid हटाने की भी मांग हो रही है, जो गलत है।
उन्होंने कहा कि जिस मस्जिद को हटाने की बात हो रही है, वह तो इलाहाबाद हाई कोर्ट परिसर (Allahabad High Court Complex) के बाहर रोड किनारे पर बनी है।
ऐसे में यह कहना गलत होगा कि यह मस्जिद हाई कोर्ट परिसर (Masjid High Court Complex) के अंदर है।