पटना: बिहार मंत्रिमंडल (Bihar cabinet) के नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली (New Teacher Recruitment Rules) पर मुहर लगाने के 24 घंटे के बाद ही इसका विरोध शुरू हो गया।
राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस नियमावली को शिक्षक अभ्यर्थियों (Teacher Candidates) के साथ छलावा बता रही है वहीं सत्ता पक्ष इस नियमावली को शिक्षा में सुधार के लिए ऐतिहासिक कदम बता रहा है।
शिक्षक संघ आंदोलन करने का मन बना रहे
इधर, शिक्षक संघ और शिक्षक अभ्यर्थी (Teachers Union and Teacher Candidates) इस नई नियमावली को लेकर आंदोलन करने का मन बना रहे हैं।
सरकार के इस नियमावली (Manual) के विरोध में बुधवार को लाखों शिक्षक काला दिवस मना रहे हैं। शिक्षक सभी जिला मुख्यालयों में नियमावली की प्रति जलाकर विरोध करेंगे। शिक्षक संगठनों ने इसे शिक्षक और शिक्षक अभ्यर्थी दोनों के लिए छलावा बताया है।
16 अप्रैल को शिक्षक संगठनों की बैठक बुलाई गई
TET STET उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोप गुट के प्रदेश अध्यक्ष माकंर्डेय पाठक कहते हैं कि महागठबंधन (Grand Alliance) ने विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के वक्त वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह शिक्षकों को नियमित शिक्षकों की तरह वेतनमान और सेवा शर्त देगा और आज जब वह सत्ता में आया है, तो अपने वादे से मुकर रहा है।
उन्होंने कहा कि 16 अप्रैल को शिक्षक संगठनों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
नियमावली के नाम पर शिक्षकों को सरकार ने ठगा
बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव का कहना है कि शिक्षक अभ्यर्थी सातवें चरण की बहाली की मांग चार सालों से कर रहे थे, नियमावली के नाम पर शिक्षकों को सरकार ने ठगा है।
नयी नियमावली के अनुसार शिक्षक अभ्यर्थियों को शिक्षा विभाग द्वारा चयनित आयोग के माध्यम से फिर से परीक्षा देनी देनी होगी। इनलोगों का कहना है कि सरकार नई नियमावली को वापस ले, नहीं तो आंदोलन होगा।
नियमावली के विरोधियों को मुख्य विपक्ष BJP का भी साथ मिला
इधर, इस नियमावली के विरोधियों को मुख्य विपक्ष BJP का भी साथ मिला है। BJP के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार राज्य अध्यापक नियमावली 2023 पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों और नियोजित शिक्षकों के साथ छलावा है।
सिन्हा ने कहा कि नियमावली के नियम 19 द्वारा वर्ष 2006, 2012 और 2020 में विभिन्न कोटि के शिक्षक नियुक्ति नियमावली को संसीमित कर दिया गया है और कहा गया है कि नियमावली 2023 के अन्य प्रावधान के तहत वे कोई दावा नहीं कर सकेंगे।
शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए यह नियमावाई ऐतिहासिक: उमेश
इधर, JDU के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा का कहना है कि शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए यह नियमावाई ऐतिहासिक होगा।
उल्लेखनीय है कि बिहार मंत्रिमंडल (Bihar Cabinet) ने सोमवार को राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्यवाही एवं सेवा शर्त) नियमावली 2023 को स्वीकृति दी थी। इसके बाद से ही इस नियमावली (Manual) का विरोध शुरू हो गया।