- आबकारी नीति मामले में दिल्ली के विशेष कोर्ट ने सीबीआई को दिया आदेश
- स्पेशल जज एनके नागपाल ने सिसोदिया को वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश करने पर दिया है यह आदेश
- पिछले साल इस मामले में 25 नवंबर को दाखिल किया गया था पहला आरोपपत्र
- 26 फरवरी को शराब नीति घोटाले में मनीष सिसोदिया को किया गया था गिरफ्तार
नयी दिल्ली: Delhi की एक अदालत ने शुक्रवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को आबकारी नीति मामले में आप नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) और तीन अन्य आरोपियों को आरोप पत्र और पूरक आरोप पत्र सहित दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध कराने को कहा।
अन्य तीन आरोपी हैदराबाद के चार्टर्ड अकाउंटेंट बुच्ची बाबू गोरंटला, शराब कारोबारी अमनदीप सिंह ढल और एक अन्य व्यक्ति अर्जुन पांडे हैं।
आगे की सुनवाई 6 जुलाई को
विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने सिसोदिया को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) के जरिए उनके समक्ष पेश किए जाने पर यह निर्देश दिया।
अदालत ने 27 मई को मामले में CBI द्वारा दाखिल एक पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद उन्हें समन जारी किया था। अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई 6 जुलाई को निर्धारित की है।
15 दिसंबर को आरोप-पत्र पर लिया संज्ञान
सिसोदिया (51) को CBI ने 26 फरवरी को अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।
CBI ने पिछले साल 25 नवंबर को सात आरोपियों के खिलाफ इस मामले में अपना पहला आरोप पत्र दाखिल किया था।
अदालत ने 15 दिसंबर को आरोप-पत्र पर संज्ञान लिया था। उसने 25 अप्रैल को सिसोदिया, गोरंटला, ढल और पांडे के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था।