मुंबई: कैंसर मरीजों (Cancer Patients) के लिए बड़ा सुकून देने वाली खबर। मुंबई की एक कंपनी इजरायल से क्रायोब्लेशन तकनीक (Cryoablation Technique) लेकर आई है विशेषज्ञों की मानें तो हर प्रकार के ट्यूमर या कैंसर (Tumor or Cancer) की बीमारी का सफल इलाज किया जा सकता है।
इजराइल की नॉन-सर्जिकल, नेक्स्ट-जेन तकनीक आइसक्योर मेडिकल (Non-surgical, next-gen technology Icecure Medical) है। इसकी प्रमुख मशीन प्रोसेंस को नोवोमेड इनकॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड (Novomed Incorporation Private Limited) मुंबई द्वारा भारत में पेश किया गया है।
हजारों कैंसर रोगियों के साथ अत्यधिक उत्साहजनक परिणाम दिए
क्रायोब्लेशन प्रोसेंस (Cryoablation Procedure) वर्तमान में भारत भर के चार अस्पतालों में स्थापित है और इलाज में आसानी और बेहतर दर्द प्रबंधन के साथ हजारों कैंसर रोगियों के साथ अत्यधिक उत्साहजनक परिणाम दिए हैं।
इस मशीन को टाटा मेमोरियल सेंटर हॉस्पिटल एंड पिक्चर (Tata Memorial Center Hospital And Picture) दिस बाय जानखरिया, (मुंबई में दोनों संस्थान), एनएच-रवींद्रनाथ टैगोर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियक साइंसेज (कोलकाता) और कोवई मेडिकल सेंटर एंड हॉस्पिटल, (कोयंबटूर, तमिलनाडु)में स्थापित है।
जय मेहता ने कहा…
इसस उपचार के बारे में बताते हुए NIPL के निदेशक जय मेहता ने कहा कि क्रायोब्लेशन एक न्यूनतम इनवेसिव इमेज गाइडेड (अल्ट्रासाउंड या सीटी-स्कैन) उपचार है, जो ट्यूमर क्षेत्र के भीतर रोगग्रस्त ऊतक को नष्ट करने के लिए अत्यधिक ठंड का उपयोग करता है। इससे रोगी को कम से कम दर्द होता है।
जय मेहता (Jai Mehta) ने कहा, यह अधिकतम ठंड, सुरक्षा और प्रभावकारिता के लिए तरल नाइट्रोजन (LN2) का उपयोग करता है।
क्रायोब्लेशन (Cryoablation) के लिए, एक पतली सुई जैसी, जिसे क्रायोप्रोब कहा जाता है, को लक्ष्य क्षेत्र में डाला जाता है। क्रायोप्रोब ने एलएन2 को शीतलक के रूप में इस्तेमाल किया, जो तेजी ऊतक के आसपास को ठंडा करता है।
NIPL के प्रबंध निदेशक नैनेश मेहता ने कहा कि जैसे-जैसे ऊतक जमता है, बर्फ के क्रिस्टल बनते हैं, इससे कोशिकीय क्षति और अत्यधिक ठंडे तापमान के साथ विनाश होता है और मरीज की असामान्य कोशिकाएं (Abnormal Cells) जम जाती हैं और मर जाती हैं।
उपचार विधियों की तुलना में क्रायोब्लेशन के कई फायदे हैं
नैनेश मेहता (Nainesh Mehta) ने विस्तार से बताया, अन्य उपचार विधियों की तुलना में क्रायोब्लेशन के कई फायदे हैं। इसके लिए केवल एक छोटा सा चीरा या एक सुई पंचर की आवश्यकता होती है, इसके परिणामस्वरूप रोगी को कम आघात होता है और ओपन सर्जरी की तुलना में तेजी से रिकवरी को सक्षम बनाता है।
ज्यादातर मामलों में स्थानीय संज्ञाहरण (Local Anesthesia) के तहत किया जा सकता है, और चूंकि यह आस-पास के स्वस्थ ऊतकों को संरक्षित करते हुए असामान्य ऊतक पर सटीक और लक्षित है, यह अधिकांश रोगियों के लिए अस्पताल में रहने की बाध्यता खत्म कर देता है।
मेहता का कहना है कि इसका उपयोग स्तन, गुर्दे, यकृत, फेफड़े, हड्डी, कोमल ऊतकों, त्वचा आदि के सौम्य या घातक ट्यूमर (Malignant Tumors) के इलाज के लिए किया जाता है।
डॉ. जानखरिया ने कहा…
मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल के इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. विमल सोमेश्वर (Interventional Radiologist Dr. Vimal Someshwar) ने कहा कि न केवल रोगियों पर परिणाम बहुत अच्छे रहे हैं, क्रायोब्लेशन को दर्द प्रबंधन के लिए भी उत्कृष्ट माना जाता है।
शहर में सलाहकार रेडियोलॉजिस्ट डॉ. जानखरिया (Radiologist Dr. Jankharia) ने कहा कि क्रायोब्लेशन समग्र एब्लेशन स्पेस में एक जगह भरता है और फाइब्रोमैटोसिस, विशिष्ट हड्डी और नरम ऊतक ट्यूमर के अलावा यकृत और फेफड़ों के लिए सबसे अच्छा है।
लोग इसका अधिकतम लाभ उठा कर और कैंसर को मार सकते हैं
उन्होंने कहा, रेडियो फ्रीक्वेंसी एबलेशन (Radio Frequency Ablation) भारत में दो दशकों से अधिक समय से है और माइक्रोवेव ने पिछले पांच वर्षों में धीरे-धीरे खुद को स्थापित किया है, क्रायोब्लेशन बहुत अच्छे परिणाम दे रहा है।
मेहता का तर्क है कि क्रायोब्लेशन भारत में भविष्यवादी और क्रांतिकारी तकनीक (Futuristic and Revolutionary Technology) है, इसका लोग अधिकतम लाभ उठा सकते हैं और कैंसर को मार सकते हैं।