MS Dhoni Birthday : टीम इंडिया (Team India) के पूर्व कैप्टन और रांची के राजकुमार (Prince of Ranchi) महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) का यानी 7 जुलाई को 42 साल के हो गए।
वां जन्मदिन है और वह 42 साल के हो गए हैं। 7 जुलाई 1981 को उनका जन्म हुआ था।
उनके क्रिकेट करियर (Cricket Career) की उपलब्धियां शानदार है पूरी दुनिया में क्रिकेट के इतिहास में उसका अपना खास महत्व है।
सभी चुनौतियों का सामना कर गढ़ दिया शानदार इतिहास
याद कीजिए, Dhoni ने भारतीय टीम की कप्तानी (Indian team captain) साल 2008 में संभाली थी।
जब धोनी ने टीम की कप्तानी संभाली तो उनके पास कई चुनौतियां थी। जैसे की युवाओं को मौका देना और भविष्य के लिए टीम का निर्माण करना।
धोनी ने उन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए भारतीय टीम को कई ऐतिहासिक पल दिए।
धोनी की कप्तानी में भारत ICC World T-20 (2007), Cricket World Cup (2011) और ICC Champions Trophy (2013) का खिताब जीत चुका है।
इसके अलावा भारत 2009 में पहली बार टेस्ट में नंबर एक बना था।
साल 2020 में इंटरनेशनल क्रिकेट से लिया संन्यास
धोनी ने साल 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (International Cricket) से संन्यास लेने के बाद अब सिर्फ IPL में ही फैंस को धोनी की झलक देखने को मिलती है।
माही आज भी जब मैदान पर उतरते हैं तो पूरा स्टेडियम उन्हीं के नाम से गूंज उठता है।
धोनी ने अपने करियर में वो सब कुछ हासिल किया जो एक खिलाड़ी हासिल करना चाहता है।
धोनी दुनिया के एकमात्र कप्तान हैं, जिनके नाम 3-3 ICC Trophy जीतने का रिकॉर्ड है।
सचिन तेंदुलकर की सिफारिश के बाद टीम इंडिया में मिली थी जगह
हमें याद रखना चाहिए कि अगर क्रिकेट के भगवान ने उनकी सिफारिश नहीं की होती तो शायद धोनी यह कारनामा नहीं कर पाते।
जी हां, क्रिकेट के भगवान यानी सचिन तेंदुलकर की सिफारिश के दम पर ही भारत को महेंद्र सिंह धोनी जैसा नगीना मिला था।
इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने से पहले धोनी ने क्रिकेट के गलियारों में काफी अनुभव हासिल किया था, जिस वजह से 24 साल की उम्र में जब उन्होंने भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया तो वह काफी परिपक्व थे।
T20 वर्ल्ड कप की कप्तानी
धोनी का शांत दिमाग और खेल की समझ ने सचिन तेंदुलकर का दिल जीत लिया था।
इस वजह से उन्होंने टीम में युवराज सिंह, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर जैसे सीनियर खिलाड़ियों के होते हुए 2007 T20 वर्ल्ड कप से पहले कप्तानी के लिए धोनी के नाम की सिफारिश की।
वह पल याद कीजिए, जब IPL 2023 में धोनी ने अपनी बड़े-बड़े डोलों के साथ छक्कों की बर्सात की, उनकी इसी फिटनेस को देख फैंस कयास लगा रहे हैं कि माही अगले सीजन भी उनका मनोरंजन करते नजर आएंगे।
5 स्टार खिलाड़ियों को दिया मौका टीम को बना दिया दमदार
धोनी ने अपनी कप्तानी में ऐसे 5 खिलाड़ियों को मौका दिया, जो टीम इंडिया के लिए मैच विनर्स बन गए।
अगर महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत को ये 5 मैच विनर खिलाड़ी नहीं मिलते तो सचिन तेंदुलकर के संन्यास के बाद ही भारतीय क्रिकेट टीम अंधेरे का शिकार हो जाती।
आज वर्ल्ड क्रिकेट में इन 5 क्रिकेटर्स का डंका बज रहा है। अब थोड़ा इनके बारे में भी जानते हैं।
1. विराट कोहली
Virat Kohli ने धोनी की कप्तानी में अपने करियर की शुरुआत की थी।
विराट कोहली को One Day में नंबर तीन पर लाने का मौका धोनी ने ही दिया था।
धोनी ने कोहली के अछे प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें टेस्ट में भी मौका दिया।
साल 2011-12 में विराट कोहली ऑस्ट्रेलियाई दौरे में सफल नहीं हो पाए, लेकिन धोनी ने उन्हें लगातार मौका दिया।
फिर कोहली ने अर्धशतक भी लगाया। कोहली ने एडिलेट में शतक लगाकर आलोचकों को करारा जवाब दिया था।
2. रोहित शर्मा
धोनी ने Rohit Sharma को लगातार खराब फॉर्म के बावजूद भी मौका दिया। इससे उनका पूरा करियर बदल गया।
रोहित को वनडे में सलामी बल्लेबाज बनाने में धोनी का सबसे बड़ा योगदान रहा है।
साल 2013 में जब से धोनी ने उन्हें सलामी बल्लेबाजी करने का मौका दिया, तब से ही रोहित शर्मा का अलग रूप देखने को मिला है. रोहित शर्मा को हिटमैन बनाने में माही का बहुत बड़ा हाथ है।
3. रविचंद्रन अश्विन
ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन आज दुनिया के शानदार स्पिन गेंदबाजों में शुमार हैं।
धोनी ने अश्विन को पहली बार आईपीएल 2010 में खेलने का मौका दिया था। अश्विन का IPL में शानदार प्रदर्शन रहा।
अश्विन IPL में CSK की तरफ से धोनी की कप्तानी में खेलते थे। धोनी ने उनकी प्रतिभा को देखा और फिर भारतीय टीम में शामिल किया, जिसके चलते अश्विन को भारतीय टीम में जगह मिल गई थी।
अश्विन साल 2010 में टीम में आए और फिर एक साल बाद 2011 के वर्ल्ड कप में भी उन्हें चुना गया।अश्विन को टेस्ट में भी खेलने का मौका मिला।
4. रवींद्र जडेजा
रवींद्र जडेजा आज टीम इंडिया के सबसे बड़े मैच विनर्स में से एक बन गए हैं। गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग तीनों ही मामलों में जडेजा का कोई जवाब नहीं।
जडेजा को टीम इंडिया में लाने के पीछे धोनी का ही हाथ है। रवींद्र जडेजा धोनी की कप्तानी में CSK की तरफ से खेलते थे और अपना पसंदीदा होने के कारण ही धोनी ने उन्हें टीम में मौका दिया।
धोनी उनको टीम से नहीं निकला और बार बार मौका देते रहे। इसी कारण जडेजा शानदार ऑलराउंडर बन गए।
5. सुरेश रैना
महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना की दोस्ती खास रही है। धोनी ने अपनी कप्तानी में रैना को खूब मौका दिया था।
धोनी ने रैना के बारे में कहा था कि वो एक बेहतरीन खिलाड़ी है, ऐसे में हमें उनका सपोर्ट करना चाहिए।
अगर हम उन्हें सपोर्ट नहीं करेंगे तो वह अपना नेचुरल गेम नहीं खेलेंगे और सस्ते में आउट हो जाएंगे।
धोनी ने रैना को लगातार खेलने का मौका दिया, जिससे रैना लिमिटेड ओवर्स की क्रिकेट के खतरनाक बल्लेबाजो में गिने जाते है।
इसी कारण रैना को बनाने में धोनी का बड़ा हाथ माना जाता है।