इस्लामाबाद : इस्लामाबाद हाईकोर्ट (IHC) ने मंगलवार को तोशाखाना मामले (Toshakhana Cases) में इमरान खान को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने पूर्व PM इमरान खान (PM Imran Khan) को मिली 3 साल की सजा पर रोक लगाते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और तारिक महमूद जहांगीर की खंडपीठ ने मामले में दोषसिद्धि को निलंबित घोषित करते हुए संक्षिप्त आदेश सुनाया।
आदेश के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री को अपनी रिहाई के लिए 1,00,000 PKR का ज़मानत बांड और कम से कम एक व्यक्ति की गारंटी देने का निर्देश दिया गया है।
हाईकोर्ट के बाहर मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए इमरान खान के वकील बाबर अवाज ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के फैसले के निलंबन के बाद, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के प्रमुख के रूप में उनका पद भी बहाल कर दिया गया है।
वकील बाबर के हवाले से कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट (Trial Court) के आदेश पर रोक के बाद इमरान खान को अब अटक जेल में नहीं रखा जा सकेगा।
कोर्ट के आदेश के बाद इमरान खान का पार्टी प्रमुख का पद भी बहाल हो गया है। इसके बाद पीटीआई और इमरान खान चुनाव की ओर बढ़ेंगे।
हाईकोर्ट के फैसले को अपनी जीत बताई
इमरान खान को 5 अगस्त को लाहौर में उनके ज़मां पार्क निवास से गिरफ्तार किया गया था। इमरान खान को तब गिरफ्तार किया गया, जब एक निचली अदालत ने तोशाखाना मामले में अपना फैसला सुनाया था, जिसमें PTI प्रमुख को अपने कार्यालय और अपनी शक्तियों का उपयोग करके व्यक्तिगत लाभ के लिए भ्रष्ट आचरण अपनाने का दोषी पाया गया था।
अदालत ने खान को तीन साल की जेल की सजा सुनाई और 1,00,000 PKR का जुर्माना लगाया था। ट्रायल कोर्ट के फैसले में यह भी कहा गया था कि यदि खान जुर्माना अदा करने में असफल रहें तो उन्हें कम से कम छह महीने की अतिरिक्त जेल की सजा काटनी होगी।
मंगलवार के फैसले के मद्देनजर, PTI नेतृत्व और समर्थक जश्न मना रहे हैं क्योंकि उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले को अपनी जीत बताई है। हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों (Legal Experts) का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री के लिए मुसीबत अभी खत्म नहीं हुई है। हाईकोर्ट ने इमरान खान की दोषसिद्धि या अयोग्यता को रद्द नहीं किया है, बल्कि इसे निलंबित कर दिया है और जमानत का आदेश दिया है।
कोर्ट ने मामले को रद्द नहीं किया
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हाफ़िज़ अहसान अहमद खोकर ने कहा कि हाईकोर्ट ने इमरान खान (Imran Khan) की सजा को निलंबित कर दिया है। कोर्ट ने मामले को रद्द नहीं किया है, न ही उनके खिलाफ तोशाखाना मामले को समाप्त किया है।
ट्रायल कोर्ट के निलंबन का मतलब है कि मामले की फिर से सुनवाई होगी और PTI उसी मामले में अपील भी दायर करेगी। इसलिए, इमरान खान की अयोग्यता और दोषसिद्धि अभी भी कायम है और बाद में पुन: परीक्षण कार्यवाही में फैसला किया जाएगा।
IHC का फैसला मामले की योग्यता और सत्र अदालत में इसकी सुनवाई पर आधारित है।
दंगों और सिफर मामले में गिरफ्तार घोषित किया गया
अदालत ने पहले कहा था कि मामले की खूबियों पर विचार नहीं किया गया और खान के गवाहों को भी अपने बयान दर्ज करने की अनुमति नहीं दी गई, जिससे पूरी सुनवाई प्रक्रिया छूटी हुई सुनवाई बन गई।
इस बीच, इमरान खान को अभी भी दो अन्य मामलों- 9 मई के दंगों और सिफर मामले में गिरफ्तार घोषित किया गया है। माना जा रहा है कि उन्हें अटक जेल में रखा जा सकता है या अन्य मामलों में उनकी गिरफ्तारी के अनुसार किसी अन्य जेल में स्थानांतरित किया जा सकता है।