नई दिल्ली : यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस (European Company Airbus Defense and Space) से क्रय भारतीय वायुसेना के लिए पहला मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-295 (Military Transport Aircraft C-295) भारत आ चुका है।
गुजरात में वडोदरा के वायु सेना स्टेशन पर उतरे इस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट (Transport Aircraft) को बुधवार दोपहर वायुसेना के ग्रुप कैप्टन PS नेगी भारत लाए हैं।
विमान की डिलीवरी भारतीय वायुसेना को स्पेन में दी गई। इसके लिए भारतीय वायुसेना के एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी स्पेन पहुंचे थे।
महज 320 मीटर की दूरी में ही कर सकता है टेक-ऑफ
विमान की डिलीवरी हासिल करने के बाद वायुसेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी थी। गुजरात पहुंचे एयरक्राफ्ट ने बहरीन से उड़ान भरी थी।
यह माल्टा और मिस्र में हॉल्ट लेते हुए भारत पहुंचा है। वायुसेना के मुताबिक, 25 सितंबर को हिंडन स्टेशन में सी-295 विमान को औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल किया जाएगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उपस्थित रहेंगे।
वायुसेना के मुताबिक, यह एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग (Aircraft Short Take-off and Landing) कर सकते हैं। विशेषज्ञों मुताबिक, यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है।
लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए
लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायुसेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है।
एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस (Airbus Defense and Space) के साथ 56 विमानों के लिए डील की गई है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है, जबकि शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे।
2024 के मध्य तक C-295 विमान बनाना शुरू करेगी
सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस (Airbus Defense and Space) के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है।
C295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में बीते छह दशक पहले सेना में आए थे ।C-295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है।
यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है, जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता। टाटा एडवांस सिस्टम (Tata Advanced System) 2024 के मध्य तक C-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी C-295 विमान 2026 में बन कर तैयार होगा।