Barrage of Allegations against SEBI Chief Madhavi is not Decreasing.: इन दिनों सेबी चीफ माधरी पुरी बुच चर्चा के केंद्र में बनी हुई हैं। एक के बाद एक आरोप इनपर लग रहे हैं। हालांकि अभी तक लगे सभी आरोपों को सेबी प्रमुख ने निराधार बताया है और सफाई पेश की है।
माधवी पुरी बुच पर Hindenburg आरोप से लेकर ICICI बैंक से सैलरी लेने और फिर कर्मचारियों के लिए Toxic Work Culture जैसे कई गंभीर आरोप लग चुके हैं। कांग्रेस माधवी पुरी से लगातार सेबी चीफ के पद से इस्तीफा देने की मांग कर रही है।
अब एक नई खबर आई है कि सरकारी खर्चों पर निगरानी रखने वाली संस्था लोक लेखा समिति (PAC) ने इस साल अपने एजेंडे में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के प्रदर्शन की समीक्षा को शामिल करने का निर्णय लिया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, संसदीय समिति ने अपना एजेंडा अधिसूचित कर दिया है और समीक्षा प्रक्रिया के दौरान वर्तमान सेबी प्रमुख को तलब कर सकती है। ऐसे में देखा जाए तो सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच चौतरफा घिरती हुई नजर आ रही हैं।
कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बुच ने 2017 से 2024 के बीच ICICI बैंक, ICICI प्रुडेंशियल, ESOP से 16.80 करोड़ रुपये हासिल किए थे। कांग्रेस का दावा था कि बुच ने सेबी चीफ रहते इतनी सैलरी नहीं पाई, जितनी कि उन्हें प्राइवेट बैंक से मिल रहे थे।
हालांकि बैंक ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें Salary नहीं दी जा रही थी, बल्कि रिटायरमेंट बेनिफिट दिए जा रहे थे। वित्त मंत्रालय को सेबी के 500 कर्मचारियों ने पत्र लिखा था कि माधबी पुरी बुच मीटिंग्स में चिल्लाती है और डांटती है। SEBI प्रमुख पब्लिकली बेइज्जती भी करती हैं।
उनका आरोप था कि पिछले दो-तीन साल से SEBI में टॉक्सिक माहौल है। वर्क कल्चर खराब हो चुका है। कर्मचारियों ने वित्त मंत्रालय को यह लेटर 5 पन्नों में दिया था। वहीं बुधवार को SEBI ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, जिसमें कर्मचारियों को बाहरी तत्वों द्वारा गुमराह बताया गया, जिसे लेकर कर्मचारियों ने कर्मचारियों ने मुंबई में प्रदर्शन किया और माधवी पुरी बुच से इस्तीफे की मांग की है। इन सभी आरोपों के बाद सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच चौतरफा घिरती हुई नजर आ रही हैं।
Hindenburg का आरोप था कि अडानी ग्रुप के विदेशी फंड में SEBI Chief माधवी पुरी बुच और उनके पति की हिस्सेदारी है। रिपोर्ट में अडानी ग्रुप और सेबी के बीच मिलीभगत का भी आरोप लगाया था।
हालांकि, सेबी चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने आरोपों को खारिज कर चुके हैं। बुच दंपति का कहना है कि कुछ भी नहीं छिपाया गया। आरोपों में कोई सच्चाई नहीं। वहीं, अडानी ग्रुप ने आरोपों को आधारहीन बताया और इसे मुनाफा कमाने और बदनाम करने की साजिश करार दिया था।