नई दिल्ली: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की सोमवार को मीटिंग शुरू हो गई है, लेकिन अब भी पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में बने रहने की पूरी संभावना है।
हालांकि अधिकारियों ने दावा किया है कि देश मैरिट के आधार पर इस सूची से बाहर होने के योग्य है।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख अधिकारियों और विदेशी राजनयिकों के साथ हुई चर्चा से सामने आया है कि जूरी की इस मामले में अलग-अलग राय है।
एक गुट सकारात्मक नतीजे आने का दावा कर रहा है वहीं कुछ राजनयिकों का कहना है कि सर्वोत्तम स्थिति में भी पाकिस्तान जून तक ग्रे सूची में बना रहेगा।
एफएटीएफ ने सभी देशों को ओवरऑल परफॉर्मेस की जानकारी दी है। इसमें पाकिस्तान ने एफएटीएफ की 40 सिफारियाों में से 2 का अनुपालन करने में बेहतरी दिखाई है।
वहीं 4 काउंट्स पर यह अनुपालन करने में असफल, 25 काउंट्स पर आंशिक रूप से सफल और 9 काउंट्स पर अनुपालन करने में काफी हद तक सफल रहा है।
लेकिन पाकिस्तान का मूल्यांकन 27 पॉइंट के एक्शन प्लान के आधार पर होगा न कि 40 सिफारिशों के आधार पर।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि राजनयिकों ने कहा है कि उन्होंने इस बार पाकिस्तान की ओर से वैसी आक्रामक राजनयिक कोशिशें नहीं देखी हैं, जैसी वह पहले करता था।
उन्होंने कहा कि प्लेनरी पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट करने, ग्रे लिस्ट में रखने या ग्रे लिस्ट से हटाने जैसे सभी विकल्पों पर चर्चा कर सकती है।
वैसे प्लेनरी की चर्चा एफएटीएफ के मूल्यांकनकर्ताओं की पाकिस्तान को लेकर बनी कम्प्लायंस स्टेट्स रिपोर्ट के आधार पर होगी।
लेकिन मूल्यांकनकर्ता का निर्णय भी अंतिम निर्णय नहीं हो सकता है।
यदि रिपोर्ट में पाकिस्तान को पूरी तरह से सिफारिशों का अनुपालन करने वाला भी दर्शाया जाए तो भी उसे ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने में जून तक समय लग ही जाएगा।