नई दिल्ली: दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच, किसान नेताओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस किसानों को परेशान करने के लिए झूठे नोटिस भेज रही है।
किसानों ने पंजाब सरकार से अपील की है कि राज्य सरकार को दिल्ली पुलिस के साथ सहयोग नहीं करना चाहिए।
किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्रहान ने कहा कि हमारे संगठन से किसी को गिरफ्तार करना काफी मुश्किल है।
अगर सरकार यह मूर्खता करती है तो फिर सही नहीं है। पंजाब के लोगों को पहले ही पता है। अगर पुलिस कर्मी उन्हें गिरफ्तार करने जाते हैं तो वे उनका घेराव करें क्योंकि जो नोटिस जारी किए गए हैं, वे गलत हैं।
वहीं, बीकेयू नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने भी किसानों से कहा कि दिल्ली पुलिस के कर्मी अगर आपके गांवों में गिरफ्तारी करने आते हैं तो उनका घेराव कीजिए।
पंजाब के बरनाला में रविवार को किसान मजदूर एकता महारैली में राजेवाल ने किसानों से कहा, अगर दिल्ली पुलिस के कर्मी आपको गिरफ्तार करने आते हैं तो पूरा गांव इकट्ठा हो जाए और उनका विरोध करे।
रैली का आयोजन भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) और पंजाब खेत मजदूर संघ ने किया था।
दो दिन पहले हरियाणा बीकेयू के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने इसी तरह की अपील की थी।
राजेवाल ने किसानों से कहा कि दिल्ली पुलिस अगर जांच में शामिल होने के लिए उन्हें नोटिस जारी करती है तो उन्हें उनके समक्ष पेश नहीं होना चाहिए और अगर दिल्ली पुलिस के जवान उनकी गिरफ्तारी करने आते हैं तो उनका घेराव कीजिए।
उन्होंने दावा किया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार किसान आंदोलन से डरी हुई है और आरोप लगाया कि जो लोग दिल्ली की सीमाओं के नजदीक प्रदर्शन स्थल पर ‘लंगर चला रहे हैं या किसानों का सहयोग कर रहे हैं उन्हें पुलिस नोटिस जारी कर रही है।