नई दिल्ली: कोरोना महामारी के कम होते मामलों के बीच, वायरस के नए स्ट्रेन ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका और मिडिल ईस्ट के बाद भारत में भी कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन पैर पसारता दिख रहा है।
भारत में कोविड-19 वायरस के दो नए स्ट्रेन का पता चला है। पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के डायरेक्टर ने आशंका जताई है कि कोरोना का नया स्ट्रेन ज्यादा संक्रामक हो सकता है।
उन्होंने कहा कि भारत में पाया गया कोरोना का नया स्ट्रेन (यूके स्ट्रेन) ज्यादा घातक है। यह ज्यादा संक्रामक हो सकता है।
ऐसे में हमें कोरोना के नए मामलों में वृद्धि को रोकने के लिए हर संभव सावधानी बरतनी चाहिए। वर्तमान में हमारे पास अस्पताल (चंडीगढ़) में 55 कोरोना के मामले हैं।
पिछले 2 हफ्तों में मामले बढ़ गए हैं। हालांकि, केंद्र ने कहा है कि महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों में कोविड-19 के मामलों में हालिया बढ़ोतरी और कोरोना के नए वेरिएंट एन440के और ई484क्यू के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।
आईसीएमआर के मुताबिक, ये वेरिएंट कोरोना केस में बढ़ोतरी की वजह नहीं है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल के मुताबिक, देश में सार्स-कोव-2 के यूके स्ट्रेन से अब तक 187 लोग संक्रमित हो चुके हैं।
जबकि दक्षिण अफ्रीका के कोरोना वेरिएंट से 6 लोग संक्रमित हुए हैं। इसके अलावा, ब्राजील के कोरोना वेरिएंट से अब तक एक व्यक्ति संक्रमित हुआ है।
उन्होंने कहा कि अब 3,500 लोगों का सैम्पल लिया जा चुका है।
सार्स4-कोव-2 के एन440के और ई484क्यू वेरिएंट महाराष्ट्र, केरल और तेलंगाना में पाए गए हैं। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों का नए वेरिएंट से कोई सीधा संबंध नहीं है।
कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट के जीनोम संरचना पर अभी रिसर्च चल रही है।
उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना के एक्टिव मामले 1 लाख 50 हजार से नीचे बने हुए हैं, लेकिन केरल, महाराष्ट्र और पंजाब जैसे कुछ राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं।
इन प्रदेशों में प्रतिदिन कोरोना मामले बढ़ते जा रहे हैं। अकेले केरल में ही 38 प्रतिशत एक्टिव कोरोना मामले हैं, जबकि महाराष्ट्र में 37 प्रतिशत एक्टिव मामले हैं।
महाराष्ट्र में पिछले सप्ताह कोरोना के नए मामलों में 81 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, मध्य प्रदेश में 43 फीसदी, पंजाब में 31 फीसदी, जम्मू-कश्मीर में 22 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 13 फीसदी और हरियाणा 11 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई।
इसके अलावा चंडीगढ़ में कोरोना के मामलों में 43 फीसदी की वृद्धि देखी गई है।