इस्लामाबाद: पेशावर विश्वविद्यालय (यूओपी), हजारा विश्वविद्यालय, एबटाबाद और बच्चा खान विश्वविद्यालय (बीकेयू), चरसडा के साथ उस श्रेणी में शामिल हो गया है, जहां महिला छात्रों और शिक्षकों के लिए सख्त ड्रेस कोड पेश किया गया है।
इन विश्वविद्यालयों ने लड़कियों और महिला शिक्षिकों को आधुनिक पोशाक पहनने से प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है।
यूओपी ने अपने छात्रों के लिए एक ड्रेस कोड पेश किया है, जिसमें महिला छात्रों को सफेद सलवार कमीज पहनने के लिए कहा गया है।
अधिसूचना के अनुसार, पुरुष छात्रों को चेस्ट कार्ड के साथ सभ्य कपड़े पहनने के लिए निर्देशित किया गया है।
हालांकि अधिसूचना में प्रतिबंधित कपड़ों के बारे में उल्लेख नहीं है, जैसा कि अन्य दो विश्वविद्यालयों द्वारा किया गया था। इसने चालाकी से उन पहनावों को अधिसूचित किया है, जो विश्वविद्यालय परिसर में स्वीकार्य होंगे।
यूओपी सूबे का चौथा विश्वविद्यालय बन गया है,जहां ड्रेस कोड पेश किया है।
इसके अतिरिक्त, बीकेयू ने महिला शिक्षकों और छात्रों के लिए झुमके और रिस्टबैंड पर प्रतिबंध भी लगाया है।
इस फैसले की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई थी, क्योंकि कई लोगों ने महिला छात्रों और शिक्षकों के खिलाफ जानबूझकर और जबरदस्त भेदभाव पर सवाल उठाया था।
यूओपी के प्रवक्ता मुहम्मद नोमान ने कहा, राज्यपाल के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया।
उन्होंने कहा, निर्णय तीन विश्वविद्यालयों द्वारा भी जारी किया गया है और हम इसे पूरी तरह से लागू करने के लिए भी ढृढ़ हैं।
विश्वविद्यालय का कहना है कि यह निर्णय शिक्षा संस्थानों में एकरूपता लाने और माता-पिता पर वित्तीय बोझ को कम करने के उद्देश्य से है।
इस निर्णय की कई लोगों ने आलोचना की है, जिनका कहना है कि संस्थान का ध्यान महिलाओं के लिए ड्रेस कोड लागू करने के बजाय अपने छात्रों की गुणवत्ता बढ़ाने पर होना चाहिए।