नेपीतॉ: समूचे म्यांमार में रविवार को बड़ी संख्या में शवों का अंतिम संस्कार किया गया। ये शव जनतंत्र समर्थकप्रदर्शनकारियों और मिल्रिटी जुंटा के बीच हिंसक झड़पों में मारे गए लोगों के थे। दमनकारी कार्रवाइयों में रोजाना हो रहीं मौतों की संख्या उच्चतम स्तर तक बढ़ गई है।
समाचार एजेंसी डीपीए ने मीडिया आउटलेट्स मिजिमा, खित थिट न्यूज और आरएफए के हवाले से बताया कि यांगून, मीकिटीला, मोनीवा और मंडाले सहित कई शहरों में अंतिम संस्कार से पहले शव यात्राएं निकाली गईं।
राजनीतिक कैदियों की सहायता एसोसिएशन (एएपीपी) की निगरानी समूह के अनुसार, 1 फरवरी को तख्तापलट के बाद से विरोध प्रदर्शनों के दमन के लिए हाल ही में हुई हिंसा में शनिवार को 114 लोगों की मौत हो गई, अब तक कुल 423 लोगों की मौत हुई है।
दक्षिण-पूर्व एशियाई देश में सेना ने चुनाव के बाद तख्तापलट कर दिया, जिसमें नेता आंग सान सू ची की सत्तारूढ़ नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी ने जबरदस्त जीत दर्ज की थी।
देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहा।
हलैंग टाउनशिप के पास के निवासियों ने बताया कि सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों पर ग्रेनेड फेंके।
हालांकि, किसी की मौत होने की फिलहाल कोई सूचना नहीं है।
एक महिला हनिन यू ने डीपीए को बताया, सुबह से ही सेना ने हमारे पड़ोस में गोलीबारी की है।
उन्होंने बताया कि लोग बाहर जाने से डर रहे हैं और कुछ घायल भी हुए हैं, सेना अभी भी गोलीबारी कर रही है।
12 देशों के रक्षा प्रमुखों ने रविवार को शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा के लिए सेना की निंदा की।
अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, डेनमार्क, ग्रीस, नीदरलैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया और जापान की ओर से एक संयुक्त बयान में कहा गया, हम म्यांमार सशस्त्र बलों और संबंधित सुरक्षा सेवाओं द्वारा निहत्थे लोगों के खिलाफ घातक बल के इस्तेमाल की निंदा करते हैं।
सैन्य प्रमुखों ने म्यांमार की सशस्त्र सेनाओं से हिंसा को रोकने और म्यांमार के लोगों के साथ सम्मान और विश्वसनीयता बहाल करने के लिए काम करने का आग्रह किया।