बीजिंग: कोरोना पैदा करने के आरोपों से बचने के लिए लगातार कोशिश कर रहे चीन पर वैश्विक दबाव बढ़ता ही जा रहा है।
अब कोरोना से संक्रमित होने वाली पहली पेशेंट सु को लेकर जबरदस्त तरीके से खोजबीन चल रही है।
माना जाता है कि यही वह चीनी महिला है, जो वायरस से पहली बार संक्रमित हुई थी, जो कि वुहान लैब से निकला था।
महिला के कोविड संक्रमित होने को लेकर सूत्रों का कहना है कि इस 61 वर्षीय महिला नवंबर में रहस्यमय स्थिति नजर आई थी।
इसके ठीक होने के एक माह बाद ही चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को कोविड-19 प्रकोप के बारे में सूचना दी थी।
अब सारे सबूत इस ओर संकेत देते हैं कि कोविड-19 को वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में विकसित किया गया था। लिहाजा दुनिया चीन पर जमकर दबाव डाल रही हैं कि वहां इस लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करे।
रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटिश जासूसों ने दावा किया है कि चीन द्वारा वायरस को विकसित करने की बात मानने योग्य है।
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पहले ही इस मामले की गहराई से जांच करने का आदेश दे चुके हैं।
इसके अलावा एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस को बनाया गया है और इसका कोई प्राकृतिक पूर्वज नहीं है।
रिपोर्टों के अनुसार प्रमुख चीनी अधिकारी ने गलती से महिला के बारे में खुलासा कर दिया कि उसे ही इस घातक वायरस से संक्रमित होने वाला पहला इंसान माना जाता है।
इतना ही नहीं एक चीनी मेडिकल जर्नल में बताया गया है कि यह महिला वुहान लैब से करीब 3 मील की दूरी पर रहती है और नवंबर में कोविड-19 से संक्रमित हो गई।