गुमला: प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद;जेजेएमपीद्ध का सुप्रीमो कुख्यात सुकर उरांव मारा गया।
गुमला जिले के घाघरा थाना के सेहल लावादाग गांव के पास शनिवार की देर रात उसके संगठन के साथियों ने ही गोलियों से भूनकर हत्या कर दी।
सुकर लावादाग के समीप एक पेड़ के नीचे कंबल ओढ़कर सोया हुआ था। इसी दौरान उसे गोलियों से भून डाला गया। इतना ही नहीं, सुकर की हत्या के बाद उसके पास के हथियार समेत वसूली गई लेवी की राशि भी गायब है।
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शरीर में गोली के 7 निशान, एके-47 का खोखा बरामद
घटनास्थल से पुलिस ने नक्सली सुकर के बिस्तर से एक मोबाइल व दर्जनों गोली के खोखे बरामद किए हैं। सुकर के शरीर मे 7 स्थानों पर गोली लगने के निशान हैं। सभी बरामद खोखा इंसास व एके.47 राइफल के हैं। बताया जाता है कि उसकी सुरक्षा में लगे रात्रि संतरी समेत अन्य सदस्यों ने मिलकर गोली मारी है।
पुलिस भी उसके सदस्यो द्वारा ही गोली मारे जान की बात कह रही है। यह भी बताया जा रहा है कि लेवी के पैसे की लेनदेन को लेकर उसके साथियों ने सुकर की हत्या की है। लेकिन, अभी कुछ भी स्पष्ट कहना जल्दबाजी होगी।
कौन था सुकर उरांव
सुकर उरांव पिछले 9 वर्षों से गुमला जिले में सक्रिय था। 2012 में वह भाकपा माओवादी संगठन से हथियार लेकर भाग गया था। इसके बाद जेजेएमपी संगठन को खड़ा करने में जुट गया। सुकर लोहरदगा जिला स्थित सेन्हा थाना क्षेत्र का रहने वाला था।
अपराध की दुनिया में रहते हुए सुकर 9 वर्षों में क्षेत्र से बड़ी मात्रा में लेवी की वसूली कर चुका था। वह ज्यादा आतंक नहीं करता था। मगर उसके नाम से लोग ख़ौफ खाते थे। संगठन में वह लेवी की राशि किसी को नहीं देता था। लेवी के पैसे किसी को नहीं देने के कारण ही उसके सादस्य उससे नाराज चल रहे थे।
इसकी जानकारी पुलिस को भी थी। पुलिस को यह भी पता था कि सुकर को उसके साथी कभी भी मौत के घाट उतार सकते हैं। मगर इसकी भनक सुकर को नहीं लगी। और सोते समय साथियों ने ही उसकी हत्या कर दी।
गोलियों की आवाज से दहल उठा था इलाका
घटना की सूचना के बाद एसडीपीओ मनीषचंद्र लाल, इंस्पेक्टर एसएन मंडल घटनास्थल पहुंचे और तहकीकात शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि रात में गोली चलने की आवाज सुनाई दी थी।
मगर वे लोग डर से घरों में दुबके रहे। ग्रामीणों ने पुलिस को यह भी बताया कि जहां पर घटना घटी है, वहां पर सुकर पिछले कई दिनों से अपने दस्ते के साथ अस्थायी कैंप बनाकर रह रहा था।