धबनादः राज्य में 8वीं की परीक्षा से छात्रों के वंचित होने के मामले में प्राइवेट स्कूल कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले हैं।
यह निर्णय झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने ऑनलाइन बैठक में लिया है। जिला सचिव इरफान खान ने कहा कि मान्यता के लिए 25 हजार का चालान जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है, जो गलत है।
इससे 8वीं क्लास के बच्चों की परीक्षा पर संकट गहरा गया है। एसोसिएशन की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। प्रदेश महासचिव राम रंजन सिंह ने कहा कि धनबाद में 97 स्कूलों ने आवेदन दिया।
उनमें से 34 को ही मान्यता मिली। एसोसिएशन ने 27 को रांची में बैठक बुलाई है। बैठक में जिला संयोजक सुधांशु शेखर, रंजीत मिश्रा, एसके श्रीवास्तव, गिरिधारी महतो समेत अन्य मौजूद थे।
डीईओ ने मांगा मान्यता संबंधी कागजात
बताया गया कि गैर-मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों के साथ जिले के कई स्थापना अनुमति व प्रस्वीकृति प्राप्त स्कूलों में आठवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं की परीक्षा पर संकट मंडरा गया है।
डीईओ (DEO) प्रबला खेस ने एचई स्कूल धनबाद में जिले के प्रस्वीकृति प्राप्त व स्थापना अनुमति प्राप्त स्कूलों के हेडमास्टरों के साथ बैठक की। सभी स्कूलों से मान्यता संबंधी कागजात लिया गया। अब कागजात की स्क्रूटनी की जाएगी।
कई स्कूलों को जैक की मान्यता नहीं
पहली नजर में कागजात देखने के बाद यह पता चला है कि कई स्कूलों को जैक से मान्यता नहीं है। कई स्कूलों को मान्यता है, तो स्पष्ट नहीं है कि किन.किन क्लास के लिए है।
अगर मान्यता नहीं होगी, तो संबंधित स्कूलों की आठवीं कक्षा के छात्र.छात्राएं परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। वहीं स्कूलों के हेडमास्टरों का कहना है कि जल्द ही इस मामले में जैक के अधिकारियों से मिलेंगे।
हमलोगों ने फीस जमा की थी। इसके बाद जांच भी हुई। जैक की ओर से मान्यता के लिए जारी पत्र में यह नहीं लिखा गया कि किस क्लास से किस क्लास के लिए है।