- S1 कोच में बैठे मणिकल तिवारी की इस भीषण हादसे में जिंदगी बच गई
- ट्रेन की गति की वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे थे तिवारी तभी हो गया हादसा
- हादसे के वक्त 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी ट्रेन
- हाथ और पैर में लगी है गंभीर चोट, अस्पताल में चल रहा है इलाज
- तिवारी ने बताया कि पूरी घटना मात्र 5 सेकंड में हो गई, किसी को पता नहीं चला
भुवनेश्वर : Odisha के बालासोर (Balasore) जिले में हुए भीषण ट्रेन हादसे में जीवित बचे लोगों में से एक सौभाग्यशाली मणिकल तिवारी का मानना है कि ईश्वर की कृपा से उन्हें दोबारा जन्म मिला है। बालासोर कस्बे के रहने वाले तिवारी के हाथ और सिर में गंभीर चोट लगी है।
उस भयावहता को याद करते हुए उन्होंने कहा, मैं बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन (Coromandel Express Train) के S1 कोच में सवार हुआ और कटक की यात्रा कर रहा था।
मैं ट्रेन की गति के बारे में अपने परिवार के सदस्यों को दिखाने के लिए खिड़की पर अपने मोबाइल पर वीडियो रिकॉडिर्ंग कर रहा था।
केवल पांच सेकंड में हुई पूरी दुर्घटना
तिवारी ने बताया, पूरी दुर्घटना केवल 5 सेकंड में हुई। एक युवा जोड़ा मेरे सामने बैठा था। पुरुष की मौत हो गई, जबकि उसकी पत्नी बच गई।
उन्होंने बताया कि वह आरक्षित डिब्बे में सफर कर रहे थे। कोच पूरी तरह से यात्रियों से खचाखच भरा हुआ था, और उनमें से कई के पास टिकट नहीं हो सकता था।
ईश्वर की कृपा से मैं बच गया
तिवारी ने कहा कि घटना के समय ट्रेन 100 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से चल रही थी।
उन्होंने कहा, जब मैं कोच से बाहर निकलने में कामयाब रहा, तो मैंने देखा कि मेरा कोच पूरी तरह से चकनाचूर हो गया था और सैकड़ों लोग बिना किसी हलचल के ट्रैक पर पड़े थे।
ईश्वर की कृपा से मैं बच गया। मैं ब्लैक फ्राइडे (Black Friday) को याद भी नहीं करना चाहता।