नई दिल्ली: भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (BBIL) के इंट्रानेजल वैक्सीन, इनकोवैक (INCOVACC) की कीमत निजी अस्पतालों के लिए 800 रुपये और सरकारी आपूर्ति के लिए 325 रुपये रखी गई है। इसमें जीएसटी अलग से जोड़ा जाएगा।
मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में भारत बायोटेक ने कहा कि वैक्सीन (Vaccine) को जनवरी के चौथे सप्ताह से ले सकेंगे। यह कोविन पोर्टल पर उपलब्ध है।
उल्लेखनीय है कि इनकोवैक पहली इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन (Intranasal Covid Vaccine) है। इसे प्राथमिक दो चरणों और अन्य वैक्सीन के साथ एहतियातन तीसरे डोज़ के रूप में उपयोग को मंजूरी मिली है। हाल ही में इसे केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSO) की मंजूरी मिली थी।
जनवरी के आखिरी तक उपलब्ध होगी वैक्सीन
यह दुनिया की पहली नेजल वैक्सीन है और इसे जिस तकनीक पर बनाया गया है, उसका लाइसेंस वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के पास है।
इसे बूस्टर डोज और प्राइमरी वैक्सीन (Booster dose and primary vaccine) के तौर पर मंजूरी दी गई है यानी कि इसे पहले और दूसरे डोज के तौर पर भी लगवाया जा सकेगा और जिन्होंने Covaxin and Covishield की दो डोज ली है, 18 साल से अधिक उम्र के लोग इसे बूस्टर डोज के तौर पर लगवा सकेंगे।
निजी अस्पतालों में भारत बॉयोटेक की यह नेजल वैक्सीन (Nasal vaccine) अगले महीने जनवरी के आखिरी तक मिलने लगेगी।
18+ को लगेगी नेजल वैक्सीन
INCOVACC (BBV154) वैक्सीन को बीते हफ्ते टीकाकरण अभियान (Vaccination drive) में शामिल किया गया है।
6 सितंबर को औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने केवल आपातकालीन उपयोग के लिए इस वैक्सीन की मंजूरी दी थी, लेकिन अब इसे बूस्टर डोज के तौर पर मंजूरी दी गई है। नेजल वैक्सीन 18 साल से ज्यादा उम्र के लोग ही ले सकेंगे।
क्या है नेजल वैक्सीन?
नेजल वैक्सीन (Nasal Vaccine) नाक से दी जाती है। अन्य वैक्सीन की तरह इसमें इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है। सिर्फ नाक में वैक्सीन की दो बूंद डाली जाती है।
कंपनी ने कहा कि इस वैक्सीन का फेस I, II और III में सफल क्लीनिकल ट्रायल हुआ था। बता दें कि अभी देश में लोगों को सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और कोवोवैक्स, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी और स्वदेशी कॉर्बेवैक्स वैक्सीन दी जा रही है।
भारत बायोटेक के कार्यकारी अध्यक्ष कृष्णा एल्ला ने कहा, ‘हमने Covaxin और INCOVACC, दो अलग-अलग प्लेटफॉर्म से दो अलग-अलग डिलीवरी सिस्टम के साथ दो Covid वैक्सीन विकसित की हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों और महामारी के दौरान ये आसान और दर्द रहित टीकाकरण है।’