पटना: India के पूर्वी राज्यों में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों (Polluted Cities) के मामले में बिहार (Bihar) टॉप पर है। अकेले बिहार के 20 शहर ऐसे हैं जहां प्रदूषण का स्तर पूर्वी भारत (Eastern India) में सबसे ज्यादा है।
विज्ञान और पर्यावरण केंद्र (CSE) ने कहा कि भारत के पूर्वी राज्यों (बिहार, West Bengal और ओडिशा) के शहरों में सर्दियों के मौसम में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है। साथ ही यह समस्या क्षेत्र के छोटे शहरों और कस्बों में तेजी से फैल रही है।
इस बार प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक
CSE ने कहा कि भले ही सर्दियों की हवा की गुणवत्ता में लंबी अवधि के दौरान मामूली सुधार हुआ हो, लेकिन पूर्वी राज्यों में बीते सर्दी के मौसम में ये और खराब हो गया और इस बार प्रदूषण (Pollution) का स्तर 2019-20 के बाद से सबसे अधिक महसूस किया गया।
आंकलन के मुताबिक, बिहार 134 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (µg/m3) के औसत PM2.5 स्तर के साथ सबसे प्रदूषित राज्य रहा, इसके बाद पश्चिम बंगाल (West Bengal) में PM2.5 का औसत स्तर 84 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (µg/m3) था और ओडिशा में ये 63 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था।
पटना में प्रदूषण सबसे अधिक
सर्दियों के सीजन के दौरान पटना (Patna) में प्रदूषण में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई थी, जबकि Bihar के छोटे शहरों में भी प्रदूषण का स्तर सबसे खराब था। पूर्वी भारत के सभी शीर्ष 20 सबसे प्रदूषित शहर (Polluted City) बिहार के हैं।
वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों के विश्लेषण से चला पता
तीन राज्यों के 32 शहरों की वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों (CAAQMS) के विश्लेषण से पता चलता है कि पिछली सर्दियों (1 अक्टूबर, 2022) के दौरान बेगूसराय पूर्व (Begusarai East) में सबसे प्रदूषित शहर था, जहां PM2.5 का औसत स्तर 275 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था।
इसके बाद सीवान, बेतिया, कैथर और सहरसा (Cathar and Saharsa) का नाम सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है।
प्रदूषण स्रोतों को नियंत्रित करने की आवश्यकता
यह विश्लेषण Pollution के तेजी से प्रसार की याद दिलाता है। शहर और छोटे कस्बों में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। यह बताता है कि वायु प्रदूषण के एक मजबूत राज्यव्यापी (Statewide) और क्षेत्रीय प्रबंधन की आवश्यकता है।
इसके लिए वाहनों, उद्योग (Industry), खुले में चीजों को जलाने और निर्माण की धूल सहित स्थानीय प्रदूषण स्रोतों को नियंत्रित करने की आवश्यकता है।
झारखंड का नहीं मिला डेटा
Jharkhand का डेटा नहीं मिल पाता क्योंकि वहां पर कोई निगरानी स्टेशन नहीं है और इसलिए झारखंड में पिछले दो वर्षों का कोई डेटा नहीं है। आंकलन के मुताबिक, पिछले तीन सर्दियों (Winter) के औसत स्तर के मुकाबले इस बार बिहार में 18% की वृद्धि और ओडिशा में 4% की वृद्धि दर्ज की गई।
हालांकि, पिछली सर्दियों में पश्चिम बंगाल (West Bengal) में मौसमी हवा की गुणवत्ता पिछली तीन सर्दियों के औसत से 4% बेहतर थी।