अमरावती: तमिलनाडु (Tamil Nadu) के मामल्लपुरम तट पर चक्रवाती तूफान ‘मैंडूस’ (Cyclonic Storm ‘Mandus’) के दस्तक देने के बाद आंध्र प्रदेश के दक्षिण तटीय और रायलसीमा जिलों के कई हिस्सों में शनिवार सुबह भारी बारिश हुई।
चक्रवाती तूफान मैंडूस देर रात करीब 2 बजे तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तट से टकराया। कई इलाकों में जलभराव हो गया और कई इलाकों में पेड़ उखड़ गए।
जानकारी के अनुसार चेन्नई (Chennai) के पास स्थित मामल्लापुरम तट पार करने वाला चक्रवाती तूफान ‘मैंडूस’ गहरे दबाव के क्षेत्र में तब्दील होकर कमजोर हो गया है।
कई इलाकों में काफी असर पड़ा, तीन कारों को गंभीर नुकसान पहुंचा
चक्रवाती तूफान ‘मैंडूस’ के चलते चेन्नई के टी नगर इलाके में एक दीवार गिर गई और उसके पास खड़ी तीन कारों को गंभीर नुकसान पहुंचा।
गनीमत यह रही कि घटना के वक्त कारों में कोई मौजूद नहीं था। तूफान का चेन्नई शहर और उसके आसपास के इलाकों में काफी असर पड़ा जिससे कई पेड़ उखड़ गए।
आंध्र प्रदेश सरकार (Government of Andhra Pradesh) की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक बीते 24 घंटे में तिरुपति जिले के नैदुपेटा में सबसे अधिक 281.5 मिलीमीटर बारिश हुई।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बारिश की तीव्रता अब कम हो गई है।
मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी (Y S Jaganmohan Reddy) ने चक्रवात के कारण बारिश के मद्देनजर संबंधित अधिकारियों के साथ एक समीक्षा की बैठक की। उन्होंने एसपीएसआर नेल्लोर, तिरुपति, चित्तूर और अन्नामया के जिलाधिकारियों से सतर्क रहने तथा जहां भी आवश्यकता हो, वहां राहत शिविर खोलने के निर्देश दिए।
आपदा मोचन बल के 95 कर्मियों को तैनात किया गया
रेड्डी (Reddy) ने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि लोग उन इलाकों में बाहर न निकलें जहां भारी बारिश की संभावना है।
एहतियात के तौर पर राज्य सरकार ने तिरुपति क्षेत्र में 190 लोगों को 28 राहत शिविरों में भेजा है।
सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, छोटी नदियों-कांदलेरु, मानेरु और स्वर्णमुकी में अचानक बाढ़ आने की आशंका के कारण SPSR नेल्लोर और तिरुपति जिलों को सतर्क किया गया है।
चार जिलों में राज्य आपदा मोचन बल के 150 कर्मियों और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (National Disaster Response Force) के 95 कर्मियों को तैनात किया गया है।