रांची/धनबाद : Ram Navami की शोभायात्रा (Ram Navami Procession) के दौरान झारखंड सहित देश के कई हिस्सों में हिंसक घटनाएं (Violent Incidents) हुईं। परिस्थिति और जरूरत के हिसाब से पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
अफवाह से समाज में वैमनस्य न फैले, इसके लिए इंटरनेट (Internet) की सेवाएं भी कुछ समय के लिए बंद की गई हैं, लेकिन सियासी तौर पर इसे लेकर गंदा खेल खेला जा रहा है।
एक तरफ BJP और उसके अन्य संगठनों के लोग तुष्टीकरण की बात कह रहे हैं, तो उनके विरोधी साजिश कर समाज के माहौल को बिगाड़ने की बात बता रहे हैं।
धनबाद के मामले को प्रशासन ने हल्का बताया
यदि गौर से देखा जाए तो झारखंड (Jharkhand) में धनबाद के निरसा थाना (Nirsa Police Station) क्षेत्र में रामनवनी के दिन जो कुछ हुआ, उसको लेकर खुद प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है।
बता दें कि घटना के दिन जिला प्रशासन ने रिलीज (Release) जारी किया था। ऐसे बताया गया था, जैसे कोई मामूली घटना घटी थी। लेकिन, उसी तारीख को मजिस्ट्रेट (Magistrate) की ओर से दर्ज FIR को देखने से लगता है कि पुलिस को खुद अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ा था।
प्रशासन की विज्ञप्ति के मुताबिक भुरकुंडा बाड़ी बस्ती में कोई बड़ी घटना हुई ही नहीं थी। लेकिन, उसी दिन घटनास्थल पर बतौर मजिस्ट्रेट बन कर गए निरसा के अंचल अधिकारी नितिन शिवम गुप्ता ने थाने में जो FIR दर्ज करवाई, वह प्रशासन की विज्ञप्ति से ठीक उलट थी। FIR में परिस्थितियों को गंभीर बताया गया है।
क्या था जिला प्रशासन की विज्ञप्ति में:
घटना के दिन कई तरह के Video सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे। अफवाहों का बाजार गर्म हो रहा था। इसी बीच धनबाद जिला प्रशासन ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि भुरकुंडा बाड़ी बस्ती में कोई बड़ी घटना नहीं हुई है।
विज्ञप्ति में लिखा गया कि प्रतिबंधित मांस की सूचना पर पुलिए और प्रशासन के लोग गांव पहुंचे थे। उस वक्त विरोध कर रहे ग्रामीणों द्वारा आरोपी युवक को घेरकर रखा गया था, जिसका VIDEO सोशल मीडिया पर आ रहा था।
पुलिस-प्रशासन (Police Administration) ने समय पर आरोपी को कस्टडी में ले लिया। इस दौरान भीड़ में शामिल कुछ लोगों की पुलिस से नोंकझोंक हुई, जिसमें दो पुलिस गाड़ियों को मामूली क्षति हुई।
कौन-कौन सी लगी हैं धाराएं
मजिस्ट्रेट की ओर से दायर FIR में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323, 307. 353, 225(B), 504, 506 और 417 गयी है। इन धाराओं के तहत 30 मार्च को ही केस संख्या 112/23 दर्ज हुई है।
धाराएं बता रही हैं भुरकुंडाबाड़ी (Bhurkundabari) में हालात कैसे रहे होंगे। लेकिन, सवाल उसी बात को लेकर है कि जिला प्रशासन (District Administration) ने विज्ञप्ति में इन बातों का जिक्र क्यों नहीं किया।