रांची: Enforcement Directorate (प्रवर्तन निदेशालय) ने कुछ संदिग्ध कॉल (Suspicious Calls) को ट्रैक किया है।
पंकज मिश्रा (Pankaj Mishra) की ओर से अजय बराज से संबंधित कार्य सहित अन्य टेंडरों (Tenders) को मैनेज करने के लिए किये गए कॉल को ट्रैक किया है।
इस बात की जांच (Investigation) चल रही है कि क्या पंकज मिश्रा ने सिचाई विभाग (Irrigation Department) के किसी अफसर को बुलाकर किसी कंपनी को काम आवंटित (To Allot Work) करने के लिए दबाव (Pressurized) बनाया था।
ED ने उन्हें 1000 करोड़ रुपये के अवैध पत्थर खनन घोटाले में गिरफ्तार किया था
ये सभी कॉल्स तब किये गए जब वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में थे।
बताया गया कि पंकज मिश्रा के (Pankaj Mishra) नाम से एक फोन कॉल किया गया था और उन्होंने राजी कर लिया कि काम उनकी पसंद की कंपनी (Company) को आवंटित (Allotted) किया जाना चाहिए।
विशेष रूप से राज्य सरकार के एक प्रभावशाली अधिकारी (Influential Official) के बारे में कहा जाता है कि उसने उसी कंपनी की पैरवी (Lobbied) की थी।
पंकज मिश्रा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) के विधायक प्रतिनिधि हैं। ED ने उन्हें 1000 करोड़ रुपये के अवैध पत्थर खनन घोटाले (Illegal Stone Mining Scam) में गिरफ्तार किया था।
इस बीच ED ने शुक्रवार को रिम्स प्रशासन (RIMS Administration) से पेइंग वार्ड क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) उपलब्ध कराने को कहा है, जहां पंकज मिश्रा इलाजरत हैं।
पंकज मिश्रा कई लोगों से फोन पर लगातार संपर्क में रहते थे
ED उन लोगों का पता लगाना चाहता है जो पेइंग वार्ड (Paying Ward) में अनाधिकृत तरीके (Unauthorized Manner) से पंकज मिश्रा से मिले थे।
ED ने यह कदम पंकज मिश्रा के दो ड्राइवरों चंदन यादव और सूरज पंडित को अवैध (Illegally) रूप से पंकज मिश्रा को कॉल करने के लिए अपना मोबाइल फोन उपलब्ध कराने के आरोप में हिरासत (Custody) में लेने के बाद उठाया।
आरोप है कि पंकज मिश्रा एक DC, एक SP और जिला खनन अधिकारी (District Mining Officer) सहित कई लोगों से फोन पर लगातार संपर्क में रहते थे और निर्देश देते थे।