नई दिल्ली: Odisha के बालासोर (Balasore) जिले में शुक्रवार को हुए भीषण ट्रेन हादसे (Train Accident) में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
ट्रेन हादसे में अधिकतर लोग घायल भी हुए हैं। इस हादसे में पश्चिम बंगाल के लोग बड़ी संख्या में प्रभावित हुए हैं।
हादसे की शिकार हुई ट्रेन कोरोमंडल एक्सप्रेस प्रदेश के शालीमार रेलवे स्टेशन (Shalimar Railway Station) से निकली थी।
लोग दोनों ट्रेनों में सवार अपनों का हाल जानने के लिए बेचैन
वहीं, दूसरी ट्रेन बैंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट (Bangalore – Howrah Superfast) को हावड़ा स्टेशन जा रही थी, तभी हादसा हो गया।
जैसे ही ट्रेन हादसे की खबर लोगों को मिली, लोग दोनों ट्रेनों में सवार अपनों का हाल जानने के लिए बेचैन हो उठे। खासतौर पर हावड़ा रेलवे स्टेशन पर ऐसे लोगों की संख्या काफी ज्यादा थी।
बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस को पहुंचना था हावड़ा
बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस को हावड़ा पहुंचना था। हावड़ा जंक्शन (Howrah Junction) पर 60 साल के सपन चौधरी बेताबी से अपनी 23 साल की बेटी ऐशी चौधरी के सलामती के समाचार का इंतजार कर रहे थे।
Media को सपन ने बताया कि उनकी बेटी कर्नाटक (Karnataka) में IT इंडस्ट्री (IT Industry) में काम करती है।
अच्छी बात यह रही कि उनकी बेटी जिंदा है, हालांकि उसे कुछ चोट लगी है। इसी हावड़ा स्टेशन पर शेख मोइनुद्दीन भी थे।
वह अपनी बेटी नफीसा परवीन की खबर जानने के लिए पहुंचे हैं। उनकी बेटी कर्नाटक में नर्सिंग (Nursing) का कोर्स कर रही है और छुट्टियों में घर आ रही थी।
उनकी बेटी भी उसी ट्रेन में थी, जो पटरी से उतरी है। हालांकि वह पूरी तरह से सही-सलामत है। हादसे में रिपन दास भी सही-सलामत हैं।
वह कर्नाटक में मजदूरी करते हैं। उनके भाई सुजय दास का कहना हे कि जब उनकी अपने भाई से बात हुई, वह एंबुलेंस में था। रिपन की गर्दन, कमर और पैर में चोट आई है।