नई दिल्ली/वांशिग्टन: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि वैश्विक प्रतिकूलताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) तेजी से विकास करेगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर रहेगी और वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान इसके 7 फीसदी के दर से बढ़ने का अनुमान है।
‘एकआयामी’ दृष्टिकोण से नहीं देखने का विश्व बैंक से अनुरोध
सीतारमण ने भारत सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी (Subsidy) को ‘एकआयामी’ दृष्टिकोण से नहीं देखने का विश्व बैंक (World Bank) से अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि ‘नुकसानदायक सब्सिडी’ और संवदेनशील परिवारों को दिए जाने वाले ‘लक्षित समर्थन’ में अंतर करना जरूरी है।
इससे पहले वित्त मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ से मुलाकात के दौरान मौजूदा वैश्विक परिदृश्य और अगले वर्ष भारत की जी20 समूह की अध्यक्षता से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की।
200 से ज्यादा बैठकों की मेजबानी
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री सीतारमण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund), विश्व बैंक और जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर की बैठकों में भाग लेने के लिए अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर हैं।
भारत एक दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक एक साल के लिए जी-20 समूह का अध्यक्ष बनने जा रहा है।
इस दौरान वह जी-20 समूह की 200 से ज्यादा बैठकों की मेजबानी करेगा।