रांची: Contract Workers (संविदाकर्मियों) को स्थायी करने को लेकर पिछले कुछ दिनों से राज्य सरकार (State Goverment) गंभीरता से विचार कर रही है।
घोषणा के अनुरूप गुरुवार को होने वाली कैबिनेट (Cabinate) की बैठक में इस पर मुहर लगने की संभावना है, इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में स्थानीयता को लेकर पूर्व में लिए गए निर्णय में संशोधन भी हो सकते हैं।
लंबे समय से चल रही संविदाकर्मियों की मांग पूरी हो जाएगी
CM हेमंत सोरेन के नेतृत्व में 10 नवंबर गुरुवार को कैबिनेट की बैठक होगी। झारखंड मंत्रालय में शाम 4 बजे से होने वाली बैठक में संविदाकर्मियों को स्थायी करने संबंधी प्रस्ताव पर मुहर लगने की संभावना है।
यदि कैबिनेट से इसकी मंजूरी मिल जाती है तो लंबे समय से चल रही संविदाकर्मियों की मांग पूरी हो जाएगी।
स्थायीकरण की मांग की सरकार अनदेखी कर रही
हालांकि आशा जताई जा रही है कि इस प्रस्ताव पर मुहर लग जाएगी। झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री मृत्युंजय कुमार झा ने उम्मीद जताई है कि सरकार के इस फैसले से झारखंड के करीब डेढ़ लाख संविदाकर्मियों को लाभ मिलेगा।
मुत्युंजय कुमार झा ने कहा कि प्रखंड से लेकर राज्य सचिवालय के विभिन्न विभागों तक में लंबे समय से संविदाकर्मी काम कर रहे हैं। इनकी स्थायीकरण की मांग की सरकार अनदेखी कर रही है।
इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट ( Jharkhand High Court) का भी समय समय पर फैसला आया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री भी घोषणा कर चुके हैं और सरकार ने सर्वे भी कराया था। इससे उम्मीद है कि गुरुवार यानी 10 नवंबर की कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव जरूर शामिल किया जाएगा।
इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार 1932 खतियान आधारित स्थानीयता को लेकर पूर्व में लिए गए फैसले में कुछ संशोधन भी कर सकती है।