रांची : पूर्व सांसद रामटहल चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई मुद्दों पर हेमंत सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि बालू के चलते सरकार काम भी बंद हो गया। सरकार एक भी निर्णय नहीं ले पा रही है। अगर पार्टी कुछ गलत करता है तो मैं पार्टी को लेकर जरूर कहूंगा। पैसे की लालच में सरकार शराब बेच रही है। इससे शर्म की बात कुछ हो ही नहीं सकती है। झारखंड को सिर्फ लूटने के लिए बनाया गया है। झारखंडवासियों के लिए नहीं बना है। अब युवा जग रहा है। अगर ऐसी स्थिति रही तो स्थिति खराब हो जाएगी। महिलाओं के साथ जो घटना घट रही है राज्य में वह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है। इसलिए सरकार को कड़े कानून बनाना चाहिए ताकि अपराधियों में डर हो।
अलग राज्य बना कर हमलोगों ने की गलती
रामटहल चौधरी ने कहा कि झारखंड को अलग राज्य बनाने के लिए कई उद्देश्य था, लेकिन अब लगता है कि क्या अलग राज्य बना कर हम लोगों ने गलती की है? यहां पर्यटक स्थल और प्राकृतिक संसाधन से भरपूर है, फिर ये राज्य पिछड़ा है।
शिक्षकों की नहीं हो रही नियुक्ति
उन्होंने कहा कि स्कूल बनाने से कुछ नहीं होता है। शिक्षक भी होना चाहिए। इसके लिए शिक्षकों की नियुक्ति होनी चाहिए। 50000 शिक्षकों की नियुक्ति झारखंड में होने वाली थी पर वह लोग लंबे समय से बैठे हुए हैं। जेपीएससी की नियमित परीक्षाएं हो।
पिछड़े वर्ग को नहीं मिला आरक्षण
उत्तर प्रदेश में भी हाईकोर्ट ने नहीं माना तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा की जब तक पिछड़ों को आरक्षण नहीं देते हो तब तक चुनाव स्थगित रहेगा, उसी प्रकार झारखंड में भी होना चाहिए। समाज के पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर ठगा महसूस करते हैं। हेमंत सरकार ने घोषणा की कि 27 प्रतिशत आरक्षण पिछड़े वर्ग को मिलेगा, लेकिन सिर्फ बोलने से नहीं, करना भी पड़ेगा।
रामटहल चौधरी ने की जातिगत जनगणना की मांग
पूर्व सांसद ने जातिगत जनगणना की मांग की है। उन्होंने कहा अभी तक राज्य में जातिगत जनगणना नहीं हुआ है। जिस वजह से पता नहीं चलता है किसकी कितनी संख्या है। इसलिए मैं मांग करता हूं कि जैसे अन्य राज्यों में यह मांग हो रहा है वैसे ही यहां भी जाति के आधार पर जनगणना हो, इसके बाद चुनाव करायी जाय।
स्पष्ट नियोजन नीति बने
उन्होंने कहा कि स्पष्ट नियोजन नीति बनाया जाए। जिसमें तृतीय और चतुर्थ वर्ग कर्मचारी झारखंड के होने चाहिए। नीति को स्पष्ट और संविधान सम्मत बनाना होगा ताकि वह हाईकोर्ट से रद्द ना हो। झारखंड अलग होने के बाद भी राज्य के लोग अन्य राज्यों जाकर काम करते हैं। हम चाहते हैं कि झारखंड के लोगों को यहीं पर रोजगार मिले। सरकार बोलती है सभी पदों को भर देंगे, लेकिन बहुत सारे पद खाली है। सरकार नियुक्ति नहीं कर रही है, सिर्फ बेरोजगारी बढ़ा रही है। विस्थापन नीति भी बनाना चाहिए, ताकि विस्थापित लोगों को इसका लाभ मिल सके।
हवा पर बात करने से राज्य का नहीं होगा भला
रामटहल चौधरी ने कहा कि 1932 का खतियान विधानसभा से पारित किया गया है, लेकिन उसके बाद अगर रद्द होता है तो उसको देखना चाहिए। मेरा मानना है कि नीति को लागू कीजिए और यहां के लोगों को रोजगार दीजिए। किसी से कोई द्वेष नहीं है। काम कीजिए हवा पर बात करने से राज्य का भला नहीं होगा।
एचईसी को करे मदद
एचईसी के मामले पर पूर्व सांसद ने कहा कि एचईसी को मदर इंडस्ट्री कहा जाता है, लेकिन उसकी हालत खराब हो गई है। 25000 से 30000 लोग वहां काम करते थे, लेकिन अब सिर्फ 2000 लोग बचे हैं, फिर भी उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है। भारत सरकार का एकमात्र सबसे बड़ा इंडस्ट्री है, इसको बचाए। लोगों को रोजी-रोटी मिले उसको लेकर कुछ विकल्प ढूंढना चाहिए।