रांची: पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) क्षेत्र में हाथी दांत तस्करी मामले की मनी लॉन्ड्रिंग की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुरू कर दी है।
ईडी सूत्रों ने बुधवार को बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामले की जांच कर रही है। ईडी को हाथी के दांत तस्करी की जानकारी मिली थी। ईडी मामले में तस्करी के पीछे के जुड़े लोगों की जांच करेगा।
उल्लेखनीय है कि चाईबासा के आसपास के घने जंगलों में बड़ी तादाद में जंगली हाथी पाए जाते हैं। जो तस्करों के निशाने पर रहे है।
इलाके में हाथी दांत की तस्करी कर कई तस्कर करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। अब ईडी की टीम ऐसे तस्करों को लेकर आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच में जुट गयी है। मामला चाईबासा जिले के मंझारी थाना केस से जुड़ा है।
सितंबर 2020 को चाईबासा जिले के तत्कालीन खड़बंधु और कुमारडुंगी के प्रभारी वनपाल हरिश चंद्र चातोम्बा ने मंझारी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया था।
आरोपित कृष्णा बिरुवा इस कारोबार का सरगना है
इसमें बताया गया था कि 19 सितंबर को सूचना मिली की दुबिला जंगल के काली टीका कोचा में एक हाथी मृत पड़ा है।
सूचना पर मौके पर पहुंचे वनपाल ने देखा कि मृत हाथी का दांत कटा हुआ है। छानबीन में पता चला कि किसान रात को खेत के चारो तरफ नंगा तार से घेरान कर बिजली प्रवाहित कर देते है। नंगे तार की चपेट में आने से हाथी की मौत हो जाती है।
मौके पर झाड़ियों में छिपा दो हाथी के दांत भी बरामद किये गये थे। पूछताछ में पता चला कि धान का खेत गोपाल बिरुवा उर्फ राजा बिरुवा का है।
नंगे तार से घेर कर करंट प्रवाह गोपाल बिरुवा की ओर से ही किया गया था। हाथी के दांत को कृष्ण बिरुवा और गोपाल बिरुवा ने काटा था।
मामले को लेकर कृष्ण बिरुवा, पुरनचंद्र बिरुवा, सुरेश कुंकल, बिनोद गागराई, कृष्णा हेंब्रम, त्रिलोचन तिरिया, लखन तिरिया और सलाय पिगुवा के विरुद्ध मंझारी थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज करवायी गयी थी। आरोपित कृष्णा बिरुवा इस कारोबार का सरगना है।