रांची : झारखंड हाई कोर्ट के Justice SN Pathak की अदालत ने झारखंड राज्य ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड के सेवानिवृत्त कर्मियों की पेंशन (Pension) पर बुधवार को महत्वपूर्ण फैसला दिया है।
निगम ने 138 कर्मियों को उन्हें वर्षों से मिल रही Pension की रकम को ज्यादा बताते हुए इसकी Recovery का आदेश दिया था। निगम का तर्क था कि गलत तरीके से दी गयी प्रोन्नति की वजह से इनकी Pension की रकम ज्यादा निर्धारित हो गयी थी।
निगम के आदेश के विरूद्ध सेवानिवृत्त कर्मियों ने दायर की थी याचिका
Pension की राशि रिकवर करने के निगम के आदेश के विरूद्ध सेवानिवृत्त कर्मियों ने अदालत में याचिका दायर (Petition Filed) की थी।
कोर्ट को बताया गया था कि सेवानिवृत्ति के 10 साल के बाद पूर्व में उन्हें दी गयी प्रोन्नति को निरस्त करते हुए Pension की राशि घटा दी गयी है जो अनुचित है।
वे प्रोन्नति की तिथि में इसके योग्य थे और उनके द्वारा किसी भी तथ्य को छुपाया नहीं गया था। इस पर कोर्ट ने आंशिक रूप से मामले को स्वीकृत किया। कोर्ट ने आदेश में कहा कि प्रार्थियों के विरूद्ध वसूली नहीं की जा सकती है।
प्रार्थियों ने निगम की अधिसूचना को कोर्ट में दी थी चुनौती
प्रार्थी चंद्रभूषण प्रसाद वर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि 31 दिसंबर, 2020 को झारखंड उर्जा उत्पादन निगम के द्वारा एक अधिसूचना (Notification) जारी कर 138 सहायक नियंत्रक एवं अग्रजन कोटि-1 को क्रमश: नियंत्रक और प्रधान अग्रजन के पद पर दी गयी प्रोन्नति को अस्वीकृत कर किया गया था।
इन्हें वर्ष 2008 एवं अन्य तिथियों में प्रोन्नति दी गयी थी। प्रार्थियों ने इस अधिसूचना (Notification) को चुनौती दी थी।