पटना: नए साल 2023 आ चुका है। इस नए साल (New Year) में कई सारे बदलाव हो रहे हैं। वहीं इस नए साल में बिहार (Bihar) के कई शिक्षकों (Teachers) की नौकरी खतरे में है।
जी हां, बिहार सरकार जल्द ही कई शिक्षकों की नौकरियां छीनने वाली है। इस संबंध में शिक्षा विभाग (Education Department) की ओर से निर्देश भी जारी हो गया है।
यह निर्देश अप्रशिक्षित शिक्षकों (Bihar Untrained Teachers) के लिए है जिन्होंने 19 अक्टूबर 2022 तक प्रशिक्षण नहीं लिया है। लेकिन अभी भी कुछ शर्तों को पूरा करने पर उन शिक्षकों की नौकरी बच सकती है। आइए जानते हैं उन शर्तों के बारे में।
इनकी नौकरी नहीं जाएगी
प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश (Ravi Prakash) ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी (District Education Officer) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को पत्र लिखा है।
वैसे शिक्षक सेवा में बने रहेंगे जिन्होंने 31 मार्च 2019 के बाद और 19 अक्टूबर 2022 तक प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया हो। ऐसे सभी Teachers को उनकी प्रशिक्षण पूरा होने की तारीख से नवनियुक्त माना जाएगा।
और सेवा भी उसी तारीख से मान्य होगी। इनके प्रशिक्षण से पूर्व की सेवा की गणना किसी भी प्रयोजन (Purpose) के लिए नहीं की जाएगी।
इन शिक्षकों को भी मिलेगा मौका
इसके अलावा वैसे शिक्षक भी सेवा में बचे रहेंगे जिन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपेन स्कूलिंग (NIOS) या SCERT से सम्बद्ध होकर प्रशिक्षणचर्या पूर्ण कर पास हुए हैं, लेकिन इंटर (Inter) में 50 फीसदी अंक प्राप्त नहीं कर पाने के कारण उनका परीक्षा परिणाम रोका गया है वो भी सेवा में बने रहेंगे।
इन शिक्षकों को अपनी नौकरी से धोना पड़ेगा हाथ
वैसे शिक्षक जिन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपेन स्कूलिंग (NIOS) या SCERT से प्रशिक्षण पूरा नहीं किया है या फेल हुए हैं या फिर Intermediate में 50 फीसद नंबर नहीं होने के चलते प्रशिक्षण में शामिल नहीं हो सके हैं वे अयोग्य माने जाएंगे। और इनकी नौकरी चली जाएगी।
वहीं, ऐसे शिक्षक जिनके लिए 31 मार्च 2019 तक परीक्षा का आयोजन नहीं हो सका है उनकी नौकरी भी खत्म होगी। वैसे शिक्षक जिन्होंने इग्नू की ओर से आयोजित DPE का दो वर्षीय प्रशिक्षण लिया हो पर छह महीने का ब्रिज कोर्स (Bridge Course)नहीं कर सके हैं वो भी सेवा में बने रहेंगे।
हालांकि उन्हें विभाग की ओर से आयोजित छह महीने के ब्रिज कोर्स में पास होना होगा। ब्रिज कोर्स में फेल शिक्षकों की नौकरी खत्म कर दी जाएगी।
हालांकि छह महीने के ब्रिज कोर्स नहीं करने वाले सेवामुक्त शिक्षकों को मौका दिया जाएगा। वे इस कोर्स को पास करने के बाद पुनर्नियुक्त (Reappointment) किए जाएंगे लेकिन उन्हें हटाई गई अवधि का पैसा नहीं दिया जाएगा।