Karnataka CM’s petition rejected: मंगलवार को कर्नाटक के चीफ मिनिस्टर सिद्धारमैया (Siddaramaiah) की याचिका को हाई कोर्ट की नागप्रसन्ना पीठ ने खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कथित MUDA घोटाले में अपने खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत (Governor Thawarchand Gehlot) की मंजूरी को चुनौती दी थी। बता दें कि इससे पहले उन्होंने 12 सितंबर को मामले में फैसला सुरक्षित रखा था।
इस केस की सुनवाई के दौरान Supreme Court के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सिद्धारमैया का प्रतिनिधित्व किया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राज्यपाल थावर चंद गहलोत की ओर से दलीलें दीं।
जस्टिस नागप्रसन्ना ने फैसला सुनाया कि याचिका में बताए गए तथ्यों की निस्संदेह जांच की आवश्यकता होगी। इस तथ्य के बावजूद कि इन सभी कृत्यों का लाभार्थी कोई बाहरी व्यक्ति नहीं, बल्कि याचिकाकर्ता का परिवार है। इसलिए याचिका खारिज की जाती है।
3.2 एकड़ जमीन से जुड़ा है मामला
यह विवाद मुआवजा जमीन के आवंटन में कथित अनियमितताओं के इर्द-गिर्द घूमता है। घोटाला 3.2 एकड़ जमीन से जुड़ा है, जिसे मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुनस्वामी (Mallikarjunaswamy) ने 2010 में गिफ्ट में दिया था।
MUDA ने जमीन अधिग्रहण के बाद पार्वती ने मुआवजे की मांग की और इसके बाद उन्हें 14 प्लॉट आवंटित किए गए थे।
बताया जाता है कि ये Plot मूल भूमि के टुकड़े से काफी अधिक कीमत के हैं. विपक्षी दलों का दावा है कि घोटाले का कुल मूल्य संभावित रूप से 3,000 करोड़ रुपये से 4,000 करोड़ रुपये के बीच हो सकता है।