नई दिल्ली: Karnataka Cadre के 1986 बैच के IPS अधिकारी प्रवीण सूद (Praveen Sood) को एक उच्च स्तरीय चयन समिति ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का निदेशक नियुक्त किया है। वर्तमान में कर्नाटक में पुलिस महानिदेशक (DGP) के रूप में सेवारत, सूद अपनी नई भूमिका के लिए अनुभव और विशेषज्ञता लेकर आए हैं।
चयन समिति में शामिल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी (Ranjan Chowdhary) ने सर्वसम्मति से सूद की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की।
25 मई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं सुबोध कुमार जायसवाल
यह फैसला शनिवार शाम को हुई बैठक में लिया गया। वर्तमान निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल (Subodh Kumar Jaiswal) 25 मई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
इसके पहले प्रवीण सूद ने पुलिस बल में विभिन्न प्रमुख पदों पर कार्य किया है। CBI निदेशक के रूप में उनकी नियुक्ति उनके समर्पण, व्यावसायिकता और कानून और व्यवस्था बनाए रखने के ट्रैक रिकॉर्ड का प्रमाण है।
IPS में अपने व्यापक अनुभव और भारतीय कानूनी प्रणाली (Wide Experience and Indian Legal System) की पेचीदगियों की अपनी गहरी समझ के साथ, सूद देश की प्रमुख जांच एजेंसी का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं।
कई जटिल चुनौतियों का सामना कर रही है CBI
CBI भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराधों और अन्य गंभीर अपराधों से संबंधित हाई-प्रोफाइल मामलों (High-Profile Cases) से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके नए निदेशक के रूप में, प्रवीण सूद एजेंसी के संचालन की देखरेख और मार्गदर्शन करने, निष्पक्ष और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने और व्यावसायिकता और अखंडता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होंगे।
CBI के प्रमुख के रूप में प्रवीण सूद (Praveen Sood) की नियुक्ति से एजेंसी की क्षमताओं को मजबूत करने और न्याय देने की क्षमता में जनता के विश्वास को मजबूत करने की उम्मीद है।
उनकी नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब CBI कई जटिल चुनौतियों का सामना कर रही है और कानून के शासन (Rule of Law) को बनाए रखने और अपराध का मुकाबला करने में इसकी भूमिका सर्वोपरि है।
नियुक्ति एजेंसी के इतिहास में एक नया अध्याय
अपने विशाल अनुभव, नेतृत्व कौशल और न्याय के सिद्धांतों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता के साथ, प्रवीण सूद CBI को अधिक प्रभावी और पारदर्शिता (Effective and Transparent) की ओर ले जाने के लिए तैयार हैं।
उनकी नियुक्ति एजेंसी के इतिहास में एक नया अध्याय है, और यह आशा की जाती है कि उनके नेतृत्व में, CBI भारत के कानून प्रवर्तन परिदृश्य में जवाबदेही और निष्पक्षता (Accountability and Fairness) के स्तंभ के रूप में काम करना जारी रखेगी।