मेलबर्न: रसोई गैस (Kitchen Gas) सेहत के लिए खतरनाक है। ऑस्ट्रेलिया (Australia) की न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी (University of New South Wales) में हुए एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है।
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा कि अब LPG Gas का विकल्प (Option) खोजने का वक्त आ गया है। लगातार ऐसे सबूत आ रहे हैं कि खाना बनाने का यह तरीका सेहत के लिए ठीक नहीं है और पर्यावरण (Environment) के लिए भी हानिकारक है।
नाइट्रोजन और ऑक्सीजन मिलकर नाइट्रो ऑक्साइड बनते
अध्ययन की लेखक प्रोफेसर डोना ग्रीन (Professor Donna Green) कहती हैं कि रसोई गैस से होने वाले प्रदूषण को लेकर चिंतित होना जायज है। प्रोफेसर ग्रीन के मुताबिक जब आप Gas जलाते हैं तो असल में आप मीथेन गैस (Methane Gas) को जला रहे होते हैं जिससे जहरीले यौगिक बनते हैं।
रसोई गैस में मीथेन मुख्य अवयव होता है, जो जलने पर ऊष्मा यानी गर्मी पैदा करता है। इससे Nitrogen और Oxygen मिलकर नाइट्रो ऑक्साइड बनते हैं। प्रोफेसर ग्रीन कहती हैं कि इससे दमा और अन्य श्वांस संबंधी समस्याएं शामिल हैं।
रसोइ गैस से दूरी जरूरी : कोवी
अध्ययन में शामिल पर्यावरण रोगों (Environmental Diseases) की विशेषज्ञ डॉ. क्रिस्टीन कोवी कहती हैं कि रसोइ गैस (Cooking Gas) से दूरी जरूरी है।
हमें जीवाश्म ईंधनों को जलाने को रोकना चाहिए और गैस भी उनमें शामिल है। इससे कई तरह के प्रदूषक (Pollution) तत्वों का उत्सर्जन होता है।
कार्बन मोनो ऑक्साइड के उत्सर्जन से हवा में ऑक्सजीन कम होती
डॉ कोवी बताती हैं कि जब गैस चूल्हा जलता है तो असल में आप जीवाश्म ईंधन ही जला रहे हैं जिससे कार्बन मोनो ऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड (Nitrous Oxide) और फारमैल्डीहाइड भी बन सकते हैं।
कार्बन मोनो ऑक्साइड (Carbon Monoxide) के उत्सर्जन से हवा में ऑक्सजीन कम होती है और खून में भी ऑक्सीजन नष्ट होती है। इससे आपको सिर दर्द और चक्कर आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
इंवायरमेंट साइंस और टेक्नोलॉजी जर्नल (Journal of Environmental Science and Technology) में छपे अध्ययन में पाया गया कि अमेरिका में बच्चों में दमा होने के मामले से 12.7 फीसदी, यानी हर आठ में से एक मामले में वजह रसोइ गैस (Cooking Gas) से हुआ उत्सर्जन है।
अमेरिका में रसोइ गैस से जितना कार्बन उत्सर्जन होता है वह पांच लाख कारों से होने वाले उत्सर्जन के बराबर है।