तुलसी और शालिग्राम का विवाह जरूर कराएं, इस तिथि को होना है आयोजन, शादीशुदा जीवन में आएंगी खुशियां

News Alert
3 Min Read

नई दिल्ली: तुलसी और शालिग्राम जी का विवाह (Tulsi and Shaligram ji’s marriage) 5 नवंबर 2022 को है।

शास्त्रों के अनुसार इस दिन कुछ विशेष कार्य करने से शादीशुदा जीवन की तमाम दिक्कते खत्म हो जाती हैं और खुशहाली आती हैं।

शास्त्रों के अनुसार दांपत्य जीवन में खुशहाली के लिए तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) के दिन पति-पत्नी को पवित्र नदी में स्नान कर साथ में तुलसी की पूजा करनी चाहिए।

तुलसी के पत्ते तोड़कर उन्हें शुद्ध जल में मिलाएं और फिर पूरे जल को घर में छिड़क दें। ऐसा करने से पति पत्नी (Husband Wife) के बीच मधुरता आती है।

Tulsi and Shaligram ji's marriage

- Advertisement -
sikkim-ad

विवाह में हो रही देरी तो इसमें करें मदद

जिनकी विवाह (Marriage) में देरी हो रही है या फिर शादी में बार-बार कोई बाधा आ रही है तो तुलसी विवाह वाले दिन किसी गरीब या असहाय व्यक्ति की कन्यादान का संकल्प लें।

अपने सामर्थ्य अनुसार उसके विवाह में मदद करें। वैवाहिक जीवन (Married life) में तनाव की स्थिति है और शादी के बाद प्रेम में कमी आ गई है तो तुलसी विवाह में देवी तुलसी को पति-पत्नी लाल चुनरी चढ़ाएं।

फिर उसे अगले दिन किसी सुहागिन को दान कर दें। इससे मनमुटाव दूर होगा और प्रेभ का भाव पैदा होगा।

Tulsi and Shaligram ji's marriage

भगवान विष्णु को है तुलसी प्रिय

भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को तुलसी अति प्रिय है तुलसी विवाह के दिन श्रीहरि को भोग में तुलसी दल डालकर अर्पित करें। इससे प्यार मनचाहा जीवनसाथी से शादी की बाधाएं खत्म होती है।

ध्यान रहे एकादशी पर तुलसी पत्र न तोड़े। तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) के दिन पति-पत्नी साथ मिलकर शालीग्राम जी को बोर, भाजी, आंवला अर्पित करें।

पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्।। इस मंत्र का जाप करें। कहते हैं इससे सुयोग्य जीवनसाथ प्राप्त होता है।

Tulsi and Shaligram ji's marriage

माना जाता है कि भारतीय धर्म-शास्त्रों का पालन करने से जीवन सुखमय रहता है। किसी भी तरह की परेशानी हो तो धार्मिक अनुष्ठान को काफी महत्व भी दिया जाता है। ऐसे में तुलसी और शालीग्राम विवाह (Tulsi and Shaligram marriage) का काफी महत्व भी है।

Share This Article