ब्रसेल्स: उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) ने बृहस्पतिवार को एक बैठक की और उसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) की अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए परमाणु हमलों (Nuclear Attacks) की धमकियों को लेकर विचार विमर्श किया। NATO देशों की अगले सप्ताह परमाणु युद्धाभ्यास (Nuclear Maneuvers) करने की योजना है।
NATO के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की यह बैठक संगठन के ब्रसेल्स स्थित मुख्यालय में हुई। यह बैठक आमतौर पर वर्ष में एक या दो बार आयोजित होती है।
यह बैठक बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि के बीच आयोजित की गयी है, क्योंकि NATO के कुछ सहयोगी देश रूसी हवाई हमलों के खिलाफ अमेरिका (US) के नेतृत्व में यूक्रेन (Ukraine) को उन्नत हथियारों और हथियारों (Weapons) की आपूर्ति करते हैं।
NATO रूस की गतिविधियों पर सतर्क नजर रख रहा है, लेकिन परमाणु हमलों (Nuclear Attacks) को लेकर अभी तक उसके (रूस के) रुख में कोई अंतर नहीं आया है।
लेकिन फिलहाल अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं क्योंकि अतिरिक्त अनिश्चितता नाटो राजनयिकों (NATO Diplomats) के अनुसार, रूस भी NATO के सदस्य देशों के परमाणु अभ्यास (Nuclear Exercise) के समय या उसके ठीक बाद अपना परमाणु अभ्यास करने वाला है।
इससे युद्ध के संदर्भ में 30 देशों के इस सैन्य संगठन (Military Organization) का अनुमान और रूस (Russia) के इरादों (Intentions) को भांप पाना मुश्किल हो रहा है।
वालेस ने कहा…
ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस (Britain’s Defense Secretary Ben Wallace) ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘रूस भी वार्षिक परमाणु युद्धाभ्यास (Annual Nuclear Exercise) करेगा और मुझे लगता है कि शायद यह वार्षिक अभ्यास के एक सप्ताह बाद या उसके ठीक बाद होगा, लेकिन हम नियमित अभ्यास (Regular Exercise) से अलग कुछ नहीं चाहते हैं।’’
वालेस ने कहा, ‘‘यह एक नियमित अभ्यास (Routine Exercise) है और यह सब तैयारी के बारे में है, ठीक वैसे ही जैसे ‘NATO की बैठक यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि हम किसी भी चीज़ के लिए तैयार हैं।
मेरा मतलब है, यह सुनिश्चित करना कि 30 साझेदार एक साथ जवाब देने को तैयार हैं, गठबंधन (Coalition) का दायित्व है और हमें उस पर काम करना जारी रखना होगा।’’
NATO का अभ्यास, जिसे ‘स्टीडफास्ट नून’ (Steadfast Noon) कहा जाता है, जो हर साल लगभग एक ही समय पर आयोजित किया जाता है तथा यह लगभग एक सप्ताह तक चलता है।
पुतिन ने बार-बार दिया संकेत
इसमें परमाणु हथियार (Nuclear Weapons) ले जाने में सक्षम लड़ाकू जेट (Fighter Jets) शामिल हैं, लेकिन इसमें कोई जीवित बम (Live Bombs) शामिल नहीं होता है। पारंपरिक जेट, और निगरानी तथा ईंधन भरने वाले विमान भी इसमें नियमित रूप से भाग (Participate ) लेते हैं।
चौदह NATO सदस्य देश उस अभ्यास (Exercise) में शामिल होंगे, जिसकी योजना 24 फरवरी को रूस (Russia ) द्वारा यूक्रेन (Ukraine) पर आक्रमण (Invad) करने से पहले बनाई जा चुकी थी।
गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध (Ukraine war) में रूस की योजनाएं गड़बड़ा गई हैं, इसलिए पुतिन ने बार-बार संकेत दिया है कि वह रूसी हितों (Russian interests) की रक्षा के लिए परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) का सहारा ले सकते हैं।