नई दिल्ली: Odisha के बालासोर में बहनागा स्टेशन (Bahnaga Station) के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी आपस में टकरा गई।
इस हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हो गई है। साथ ही 900 लोग घायल हुए हैं। यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।
दरअसल, सुपरफास्ट ट्रेन (Superfast Train) कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express) तमिलनाडु के चेन्नई से पश्चिम बंगाल के शालीमार स्टेशन (Shalimar Station) की ओर जा रही थी।
यह हादसा शुक्रवार शाम को करीब 7:20 बजे बाहानगा बाजार स्टेशन पर हुआ। टक्कर इतनी जोरदार थी कि Coromandel Express पटरी से उतर गई। ट्रेन के कई डिब्बे मालगाड़ी पर चढ़ गए।
भारतीय रेलवे ने अपने बयान में बताया कि ट्रेन नंबर 12841 चेन्नई सेंट्रल (Chennai Central) से शालीमार जा रही थी। 2 जून दोपहर 3:30 बजे शालीमार के लिए रवाना हुई थी।
शाम 8:30 बजे खड़गपुर डिवीजन में आने वाले बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गई।
जानकारी के मुताबिक हावड़ा जा रही बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस (Bangalore – Howrah Superfast Express) के कई डिब्बे बाहानगा में पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे।
पटरी से उतरे ये डिब्बे शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए।
दिल दहला देने वाली कहानियां
Coromandel Express के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद मालगाड़ी से टकरा गए, जिससे मालगाड़ी भी दुर्घटना की चपेट में आ गई।
ओडिशा सरकार मदद के लिए दुर्घटनास्थल पर जनरेटर और रोशनी के साथ पहुंच गई थी। NDRF की कई टीमें लगी हुई हैं।
ओडिशा ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) में बचे लोगों की ओर से घटना के बारे में दिल दहला देने वाली कहानियां सामने आ रही हैं।
लोग अपनों को खोकर बेसुध और अवाक हैं। घटना के प्रत्यक्षदर्शियों की कई दर्दनाक कहानियां सुनकर हर कोई कांप उठेगा।
डिब्बों में कई लोग फंस गए
Coromandel Express ट्रेन से चेन्नई जा रहे एक यात्री ने बताया कि हम लोग S5 बोगी में सवार थे। घटना के समय मैं अपनी सीट पर सोया हुया था।
अचानक जोर का झटका लगा और बोगी पलट गई। बाद में मैने देखा कि किसी का सिर नहीं था तो किसी का हाथ या पैर कट चुका था।
उसने बताया कि हमारी सीट के नीचे एक 2 साल का बच्चा था, जो सुरक्षित बच गया। बाद में हमने उसके परिवार वालों को बचाया। वहीं एक अन्य यात्री ने बताया कि मेरी आंख लग गई थी।
जब ट्रेन का एक्सिडेंट हुआ तो मेरी वाली बोगी पलट गई। इस हादसे में ज्यादा लोग इसलिए भी मारे गए क्योंकि इसमें दो पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं।
जब ट्रेन पटरी से उतरी तो डिब्बों में कई लोग फंस गए। इसके अलावा अंधेरा होने की वजह से अभियान में दिक्कतें आईं हैं।