नई दिल्ली: दैनिक भास्कर समूह के ई-पेपर्स (Dainik Bhaskar Group E-Papers) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अवैध रूप से प्रसारित करने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने राेक लगाई है।
भास्कर की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के दाैरान जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने Whatsapp को यह सुनिश्चित करने काे कहा कि वे ऐसे समूहाें की पहचान कर उन्हें ब्लाॅक करें, जाे वाॅट्सएप पर दैनिक भास्कर के ई-पेपर्स काे प्रसारित कर रहे हैं।
भास्कर समूह काे Whatsapp चार सप्ताह में दे जानकारी
कोर्ट ने यह निर्देश भी दिया कि Whatsapp ऐसे Group की जानकारी भास्कर समूह काे चार सप्ताह में दे। साथ ही कहा कि यदि भास्कर को भी ऐसे वॉट्सएप ग्रुप्स की जानकारी मिलती है, तो उसे सोशल मीडिया कंपनी से साझा करें ताकि उनकी पहचान कर ब्लॉक किया जा सके।
दरअसल, याचिका में दैनिक भास्कर समूह के काॅपीराइट और पंजीकृत ट्रेडमार्क का उल्लंघन कर रहे ग्रुप्स काे ब्लाॅक करने के लिए वाॅट्सएप काे लीगल नाेटिस भेजने के बाद केस दर्ज किया गया था।
गाैरतलब है कि भास्कर समूह अपने सब्सक्रिप्शन माॅडल (Subscription Model)के जरिए अपनी आधिकारिक वेबसाइट और माेबाइल एप पर ई-पेपर्स देखने की सुविधा देता है। भास्कर समूह के ई-पेपर्स काे बिना अनुमति के अन्य माध्यमाें या प्लेटफाॅर्म पर प्रसारित करना गैर कानूनी है।
Whatsapp ग्रुप्स एडमिन को नोटिस
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में उन Whatsapp groups के एडमिन को भी नोटिस जारी किया है, जो भास्कर समूह के ई-पेपर्स को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अवैध रूप से प्रसारित कर रहे हैं।
इन Whatsapp groups के एडमिन की पहचान उनके मोबाइल नंबर से हुई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय दूरसंचार विभाग और केंद्र सरकार को भी इस मामले में नोटिस जारी किया है।