बीजिंग: चीन (China) के राष्ट्रपति Xi Jinping ने नए साल पर अपने पहले संबोधन में यह स्वीकार किया है कि देश कोरोना वायरस (Corona Virus) की कड़ी चुनौती (Challenge) का सामना कर रहा है।
COVID संकट के बीच देशभर के लोगों में अब जिनपिंग के खिलाफ आक्रोश उभरने लगा है। दरअसल तीसरा कार्यकाल हासिल करने के बाद जिनपिंग ने सारी शक्तियां अपने हाथों में कर ली है ताकि Chinese Communist Party उदार विचार और लोगों के दबाव में बह न जाए।
चीन के लोग शी जिनपिंग पर गुस्सा
शी जिनपिंग इस तरह पहले के मुकाबले अधिक दबंग हो गए हैं। भले ही शी जिनपिंग (Xi Jinping) अपने हाथों में सत्ता केंद्रित कर पहले से अधिक दबंग या अधिनायकवादी दिखाई देते हों लेकिन चीन में लोग अब उनपर सवाल उठाने लगे हैं क्योंकि हाल ही में शी को Zero-COVID नीति को लेकर पूरे चीन में लोगों का गुस्सा देखना पड़ा था।
शी जिनपिंग प्रशासन के कड़े निर्देश पर COVID वायरस संक्रमण को नियंत्रण में रखने के लिए लोगों को महीनों तक घर के अंदर रहने को मजबूर रहना पड़ा।
इससे लोगों में गुस्सा भर आया था। लोगों ने जब विरोध शुरू किया तो सरकार ने उनके खिलाफ दमन की कार्रवाई न करते हुए चुपके से Zero-COVID नीति को रद्द कर दिया ताकि लोगों का गुस्सा कम किया जा सके।
शी जिनपिंग एकमात्र ऐसे नेता हैं जिनका Chinese Army पर नियंत्रण है। यहां तक कि शी जिनपिंग ने PLA ज्वाइंट बैटल कमांड के कमांडर-इन-चीफ (Commander-in-Chief) का नया पद भी खुद संभाल लिया है।
मीडिया और पश्चिमी मूल्यों से जुड़े सात विषयों की कक्षा में चर्चा पर प्रतिबंध लगा दिया
अर्धसैनिक पुलिस भी शी के सीधे प्रभार में है। बता दें कि शी ने शासन में लंबे समय तक बने रहने के लिए अपने पहले कार्यकाल में भ्रष्टाचार (Corruption) को जड़ से खत्म करने के नाम पर हजारों नेताओं आलोचकों प्रतिद्वंदियों और कार्यकर्ताओं (Workers) को जेल में डाल दिया था और सभी प्रकार के विरोधियों और असहमति रखने वालों को कुचल दिया था।
शोधकर्ता बताते हैं शी ने वामपंथी विचारधारा (Leftist Ideology) को किनारे कर दिया है और बुद्धिजीवियों पत्रकारों और निजी व्यवसायियों (Traders) में डर पैदा कर रहे हैं।
शोधकर्ताओं के मुताबिक 2013 के बाद से CCP ने आधिकारिक रूप से मीडिया और पश्चिमी मूल्यों से जुड़े सात विषयों की कक्षा में चर्चा पर प्रतिबंध लगा दिया है जिन्हें विध्वंसक माना जाता है।
ये विषय हैं- सार्वभौमिकता प्रेस की स्वतंत्रता Judicial Independence Civil Society नागरिकों के अधिकार पार्टी की ऐतिहासिक गलतियां और संभ्रांत वित्तीय और राजनीतिक हलकों के भीतर भाईचारा।