नई दिल्ली: America की ‘मिशिगन यूनिवर्सिटी’ (‘University of Michigan’) के Scientists का दावा है कि जब इंसान मौत के मुंह में जाता है तो उस पूरी गतिविधि के दौरान उसके दिमाग में एक अजीब सी एक्टिविटी (Strange Activity In Brain) होती है।
ठीक इससे पहले ऐसी ही गतिविधि जानवरों के दिमाग (Animal Brains) में देखी गई थी। जब उनकी दिल की धड़कनें बंद हो गई थीं और दिमाग फिर भी काम कर रहा था।
किसी भी इंसान या जानवर के उस अंतिम क्षणों को कैद करना एक कीमती चीज है।शोधकर्ताओं की एक टीम ने उन लोगों के मस्तिष्क में गतिविधि की एक रहस्यमय वृद्धि (Mysterious Rise) की पहचान की है जो मरने के कगार पर थे।
शोधकर्ता लंबे समय से मस्तिष्क के विज्ञान (Brain Science) को समझने की कोशिश कर रहे हैं और पूरी तरह से बंद होने और एक व्यक्ति की मृत्यु से पहले अंतिम क्षणभंगुर क्षणों में क्या होता है।
जानवरों के बीच पिछले अध्ययनों ने गामा तरंगों (Gamma Waves) की वृद्धि दिखाई है।साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी दर्ज किया गया है कि Cardiac Arrest के बाद जो लोग मौत के मुंह से वापस आए हैं उनके अनुभव भी इसमें शामिल किए गए हैं।
“कार्डियक अरेस्ट के समय मस्तिष्क को खराब तरीके से समझा जाता है
किसी व्यक्ति के मरने के अंतिम क्षणों के दौरान मस्तिष्क में क्या होता है, इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए, अमेरिका स्थित मिशिगन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने वेंटिलेटरी समर्थन (Ventilatory Support) वापस लेने से पहले और बाद में मरने वाले चार रोगियों में इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम (EEG) और इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG) संकेतों का विश्लेषण किया। चारों मरीज कोमा (Coma) की स्थिति में थे।
शोधकर्ताओं ने दो रोगियों में उत्तेजित गामा गतिविधियों द्वारा चिह्नित परिणामी वैश्विक हाइपोक्सिया (Global Hypoxia) पाया।“Cardiac Arrest के समय मस्तिष्क को खराब तरीके से समझा जाता है।
वैज्ञानिकों ने कहा…
वैज्ञानिकों ने कहा, ‘हालांकि चेतना का नुकसान हमेशा कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) से जुड़ा होता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि क्या मरीजों को मरने की प्रक्रिया के दौरान गुप्त चेतना हो सकती है।
इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राफिक (EEG) रिकॉर्डिंग में मस्तिष्क के एक हिस्से में गामा तरंगों (Gamma Waves) के तेज फटने का पता चला जो लंबे समय तक फैल गया।दोनों गोलार्द्धों में -रेंज कनेक्शन। यह कार्डियक अरेस्ट के प्रभाव नहीं थे बल्कि यह मरने से पहले की एक्टिविटी थी।
मरने से पहले इंसान के दिमाग में क्या होती है गतिविधि
बोरजिगिन और उनके सहयोगियों (Borjigin and his Associates) ने अपने नए पेपर में लिखा, ‘इसी निष्कर्ष को देखते हुए हमने मरने से पहले इंसान के दिमाग में क्या गतिविधि होती है उसके बारे में पता लगाने का फैसला किया.’टीम ने साल 2014 के बाद से न्यूरो-इंटेंसिव केयर यूनिट में मरने वाले रोगियों के मिशिगन यूनिवर्सिटी (University of Michigan) के शैक्षणिक चिकित्सा केंद्र मिशिगन मेडिसिन के मामलों (Michigan Medicine Affairs) की समीक्षा की है।
बेहोशी के चार रोगियों में से दो की उन्होंने पहचान की, जिनकी तब मृत्यु हो गई जब डॉक्टर कार्डियक अरेस्ट या ब्रेन हेमरेज (Cardiac Arrest or Brain Hemorrhage) के बाद भी उनकी स्थिति की निगरानी कर रहे थे।