नई दिल्ली: Supreme court ने अपने वरिष्ठतम न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (D Y Chandrachud) को प्रधान न्यायाधीश के रूप में नौ नवंबर को शपथ (Oath) लेने से रोकने का अनुरोध करने वाली याचिका बुधवार को खारिज कर दी और इस याचिका को ‘‘गलत धारणा पर आधारित’’ बताया।
शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा, ‘‘वकील की दलील सुनने के बाद, हमें सुनवाई करने का कोई कारण दिखाई नहीं देता… हमें पूरी याचिका गलत धारणा पर आधारित लगती है।’’
इससे पहले एक वकील ने जब बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए इस मामले का जिक्र किया, तो प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित (Uday Umesh Lalit) की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि वह याचिका पर बुधवार को ही सुनवाई करेगी।
न्यायमूर्ति ललित ने कहा, ‘‘मेरे भाई (न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट) और बहन (न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी) के लिए मामले से जुड़े दस्तावेज (Documents) लाए जाएं। हम आज अपराह्न पौने एक बजे के लिए मामले को सूचीबद्ध करेंगे।’’
नामित प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ को नौ नवंबर को भारत के 50वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ लेनी है।
यह याचिका मुरसलीन असिजीत शेख (Mursaleen Asijit Sheikh) ने दायर की थी।