रांची: लोकसभा के शीतकालीन सत्र (Lok Sabha Winter Session) के दौरान सोमवार को रांची के सांसद संजय सेठ (Sanjay Seth) ने नियम 377 के तहत अंधविश्वास बढ़ाने वाली चंगाई सभाओं पर रोक लगाने की मांग की।
सांसद ने कहा कि झारखंड में डायन बिसाही (Witchcraft) जैसे अंधविश्वास के कारण प्रत्येक वर्ष आधा दर्जन से अधिक लोग मौत का शिकार होते हैं।
एक तरफ इस परिस्थिति से झारखंड जूझ रहा है तो दूसरी तरफ बीते कुछ वर्षों में झारखंड में चंगाई सभा के नाम पर अंधविश्वास का खेल भी बढ़ा है।
प्रार्थना महोत्सव के नाम पर में मूल रूप से लोगों को स्वस्थ करने का झांसा दिया जाता है। इसके बड़े-बड़े होर्डिंग पोस्टर छपते हैं, जिसमें गंभीर बीमारियों सहित शारीरिक दिव्यांगता (Physical Disability) को ठीक करने का दावा किया जाता है। अंधविश्वास बढ़ाने वाली इन सभाओं में मुर्दों के जी उठने की भी बात कही जाती है।
अंधविश्वास बढ़ाने वाली सभाओं पर तत्काल रोक लगाना चाहिए
सांसद ने सदन में कहा कि यह कार्य झारखंड से बाहर के धर्म प्रचारकों और पादरियों द्वारा किया जाता है। इस वजह से चंगाई सभाओं में भयंकर भीड़ बढ़ी है और इसकी आड़ में धर्मांतरण का भी कार्य हो रहा है।
सांसद ने सदन के माध्यम से आग्रह किया कि इस तरह की सभाओं पर रोक लगे। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर (National level) पर कानून बनाएं जाएं क्योंकि यह सिर्फ झारखंड की समस्या नहीं है।
आदिवासी बहुल जितने भी क्षेत्र हैं उन सभी की समस्या है। इस तरह के अंधविश्वास (Blind Faith) बढ़ाने वाली सभाओं पर तत्काल रोक लगाना चाहिए।