नई दिल्ली : Fake News कितनी घातक हो सकती है इसका उदाहरण (Example) हमने पिछले कुछ सालों में देखा है। इसको लेकर सरकार भी काफी सजग है, सरकार ने फेक न्यूज से निपटने के लिए Google, Facebook और Twitter जैसी इंटरनेट कंपनियों (Internet Companies) को भी आदेश जारी किए।
देश में कई Fact चेकर ने फेक न्यूज को फैलने से रोका। वहीं अब इलेक्ट्रॉनिक्स और IT राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने गुरुवार को कहा कि अगर इंटरनेट कंपनियां फैक्ट चेकर (Fact Checker) द्वारा जांच की गई गलत या भ्रामक जानकारी को अपने प्लेटफॉर्म से हटाने में विफल रहती है तो वह विशेषाधिकारी खो सकती हैं और उस पर कार्रवाई की जाएगी।
“सरकार से संबंधित सामग्री का होगा फैक्ट चेकर”
फेक न्यूज से निपटने के लिए सरकार द्वारा नियुक्त संगठन (Organization) को सरकार से संबंधित किसी भी झूठी या भ्रामक सामग्री (False or Misleading Content) की पहचान करने के लिए अनिवार्य किया गया है।
वहीं, राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि गलत सूचना के बारे में IT नियमों (IT Regulations) में प्रावधान है कि भारत सरकार एक संगठन को सूचित करेगी और वह संगठन सभी बिचौलियों के लिए सरकार से संबंधित सामग्री का एक फैक्ट चेकर होगा।
उन्होंने कहा कि इंटरनेट प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे Google, Facebook, Twitter और इंटरनेट सेवा प्रदाता (Internet Service Provider) आदि एक मध्यस्थ के दायरे में आते हैं। सेफ हार्बर कानून बिचौलियों को उनके उपयोगकर्ताओं द्वारा Online पोस्ट की गई किसी भी आपत्तिजनक सामग्री के लिए कानूनी कार्रवाई से बचाता है।
“झूठी सूचनाओं को चिह्नित करेगी सरकार”
चंद्रशेखर ने कहा कि IT मंत्रालय (Ministry of IT) एक इकाई को सूचित करेगा जो सरकार से संबंधित Online पोस्ट की गई झूठी सूचनाओं को चिह्नित करेगी। IT नियम 2021 के तहत गाइडलाइंस (Guidelines) जारी करते हुए मंत्री ने कहा कि फैक्ट चेक पर काम अभी जारी है।
“झूठी सूचनाएं देने वालों पर होगी कार्रवाई”
चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार ने MEITY के माध्यम से एक इकाई को अधिसूचित करने का फैसला किया है और वह संगठन तब Online सामग्री के सभी पहलुओं और केवल उन सामग्री के लिए तथ्य जांचकर्ता (Fact Checker) होगा जो सरकार से संबंधित हैं।
चंद्रशेखर ने कहा कि तथ्य-जांच के बारे में “क्या करें और क्या न करें” को अधिसूचित करने से पहले साझा किया जाएगा।
PIB तथ्य जांच को नियम के तहत स्पष्ट रूप से नहीं कहा
आगे उन्होंने कहा कि इस बात की संभावना है कि यह एक PIB तथ्य जांच इकाई होगी जिसे अधिसूचित किया जाएगा। हमने PIB तथ्य जांच को नियम के तहत स्पष्ट रूप से नहीं कहा है, इसका कारण यह है कि इसे IT Rules के तहत अधिसूचित नहीं किया गया है।
बिचौलियों ने सरकार से एक Fact चेकर को सूचित करने के लिए कहा है, जिस पर वे झूठी सूचनाओं (False Information) के बारे में भरोसा कर सकें।