रांची: झारखंड आंदोलन के अगुआ नेतृत्वकर्ता स्व. बिनोद बिहारी महतो (Self. Binod Bihari Mahto) की जयंती पर राज्य के सभी 260 प्रखंडों एवं नगर इकाइयों में शुक्रवार को आजसू पार्टी की अनुषंगी इकाई अखिल झारखंड महिला संघ (Jharkhand Mahila Sangh) ने प्रखंड सम्मेलन का आयोजन किया।
इस अवसर पर करीब पचास हजार महिलाओं ने स्व. बिनोद बिहारी महतो के मूल मंत्र पढ़ो और लड़ो को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
बिनोद बाबू ने अधिकार और स्वाभिमान के लिए आगे बढ़ने और लड़ने की प्रेरणा दी
आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलन (Jharkhand Movement) के प्रणेता बिनोद बिहारी महतो के विचार हर दौर में प्रासंगिक बने रहेंगे। उनकी सोच और परिकल्पना के आधार पर संगठित, शिक्षित, स्वाभिमानी समाज के निर्माण के लिए काम करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलन के योद्धा बिनोद बाबू की हमेशा यही सोच रही कि शोषित, पीड़ित को हक और अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष जारी रखना होगा।
इसके लिए बिनोद बाबू ने गांव-गांव में साधारण आदमी को अपने अधिकार और स्वाभिमान (Rights And Dignity) के लिए आगे बढ़ने और लड़ने की प्रेरणा दी।
आज अपने ही राज्य में महिलाएं सुरक्षित नहीं
उन्होंने कहा कि हम सिर्फ तारीख पर झारखंडी शख्सियत (Jharkhandi personality) को याद नहीं करते। हर दिन हर पल बिनोद बिहारी महतो की सोच, विचार को केंद्र में रखकर झारखंड का नवनिर्माण चाहते हैं। बिनोद बाबू ने ”लड़ो और पढ़ो” का नारा दिया था। उस नारे के मायने हैं।
हरमू, रांची स्थित AJSU Party मुख्यालय में अखिल झारखंड महिला संघ की ओर से आयोजित प्रखंड सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने कहा कि झामुमो महागठबंधन की सरकार महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान (Safety And Respect) देने का दंभ तो भरती है लेकिन पिछले 32 महीनों के कार्यकाल में उनके उत्थान के लिए इन्होंने एक भी कार्य नहीं किया। आज अपने ही राज्य में महिलाएं सुरक्षित नहीं।