नई दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की समन्वय समिति से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने हालांकि कहा कि वह मोर्चा के एक ‘‘सिपाही’’ बने रहेंगे।
SKM ने यहां गुरुद्वारा रकाबगंज में एक संवाददाता सम्मेलन में यादव के त्यागपत्र (Resignation) को सार्वजनिक किया।
यादव ने पत्र में कहा है कि वह अब SKM की समन्वय समिति में नहीं रहेंगे।
यादव ने SKM को लिखे अपने पत्र में कहा है, ‘‘मैं अब SKM की समन्वय समिति का सदस्य होने की जिम्मेदारी नहीं उठा पाऊंगा।
यह महत्वपूर्ण है कि सभी जन आंदोलनों और विपक्षी राजनीतिक दलों की ऊर्जा को किसान विरोधी मोदी (नरेंद्र मोदी) सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए जोड़ा जाये। इसके लिए मैं किसान आंदोलन के अलावा अन्य आंदोलनों के संपर्क में हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी इस प्राथमिकता को देखते हुए SKM समन्वय समिति की जिम्मेदारी निभाना मेरे लिए संभव नहीं होगा।’’ उन्होंने किसान संगठन से अपील की कि उन्हें उनकी जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए। उन्होंने कहा कि ‘‘जय किसान आंदोलन’’ के एक सदस्य होने के नाते, वह हमेशा SKM के एक ‘‘सिपाही’’ बने रहेंगे।
तीन अक्टूबर को ‘काला दिवस’ मनाएगा
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी जगह ‘‘जय किसान आंदोलन’’ के अध्यक्ष अवीक साहा इस जिम्मेदारी के लिए उपलब्ध रहेंगे।’’
SKM की एक राष्ट्रीय आम सभा की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया गया था जिसमें किसान नेताओं दर्शन पाल, राकेश टिकैत सहित अन्य मौजूद थे।
SKM ने एक बयान में कहा कि SKM ने 26 नवंबर को प्रत्येक राज्य में रैलियां आयोजित करने और उन राज्यों के राज्यपालों (Governors) को ज्ञापन सौंपने का भी फैसला किया।
बयान के अनुसार 2021 में उसी दिन हुई लखीमपुर खीरी घटना के विरोध में SKM तीन अक्टूबर को ‘काला दिवस’ (Black Day) मनाएगा।
बयान में कहा गया है, ‘‘देश में हर जगह इसे Black Day के रूप में मनाया जाना चाहिए और केंद्र सरकार का पुतला जलाया जाएगा।’’