रांची : कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) में झारखंड के खिलाड़ियों ने देश का मान बढ़ाया है। इस प्रतियोगिता में अब तक 16 स्वर्ण सहित 45 पदक भारत के खाते में आ चुके हैं।
इनमें झारखंड के आठ खिलाड़ी भी शामिल हैं। पहली बार इस स्तर के Tournament में एक साथ दो खेलों लॉन बॉल और हॉकी (महिला) में झारखंड के खिलाड़ी भारतीय टीम की तरफ से शामिल हुए।
झारखंड की खिलाड़ियों ने लॉन बॉल और हॉकी (महिला) में काबिलियत का लोहा मनवाया
दोनों खेल स्पर्धाओं में पूर्व में भी झारखंड के खिलाड़ी खेल चुके हैं। मगर इस बार दोनों खेलों में झारखंडी खिलाड़ियों (Jharkhand players) ने खुद की काबिलियत का लोहा मनवाया है।
पहले तो लॉन बॉल में महिलाओं ने वीमेंस-4 इवेंट में पहली बार देश को स्वर्ण पदक दिलाया है। इसके बाद मेंस-4 में भारतीय टीम में शामिल सुनील बहादुर, चंदन कुमार सिंह और दिनेश कुमार ने रजत पदक जीता।
यह भी कॉमनवेल्थ गेम में इस खेल में पहली बार देश को मिलने वाला मेडल है। महिला हॉकी टीम में न्यूजीलैंड को हराकर टीम इंडिया (Team India) ने ब्रॉन्ज जीता।
टीम में शामिल झारखंड की खिलाड़ी सलीमा टेटे, निक्की प्रधान और संगीता कुमारी ने भी अहम रोल निभाया।
लॉन बॉल की टीम में आधे खिलाड़ी तो झारखंड से ही थे
भारतीय लॉन बॉल (Indian Lawn Ball) की टीम में 10 सदस्य थे। इनमें से आधे खिलाड़ी तो झारखंड से ही थे।
इनमें रूपा रानी तिर्की, लवली चौबे (दोनों वीमेंस टीम में) के अलावे सुनील बहादुर, चंदन कुमार सिंह और दिनेश कुमार कुमार शामिल थे।
लवली और रूपा रानी पूर्व में भी इस स्तर पर खेल चुकी थीं, पर इस स्तर की प्रतियोगिता में पहली बार देश को गोल्ड मेडल (वीमेंस-4 में) दिलाया। इससे पहले एक भी पदक देश को नहीं मिला था।
लड़कों की टीम में शामिल तीनों खिलाड़ियों को भी अपनी भारतीय टीम को पदक दिलाने की बेचैनी थी जो उन्होंने सिल्वर मेडल (Silver medal) जीत कर दिखाया।